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पचास हजार की रिश्वत लेते 2 शिक्षक गिरफतार

अरुण सिंह, पन्ना.
 
लोकायुक्त पुलिस सागर की टीम ने आज 50 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए 2 शिक्षकों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। रिश्वत की यह रकम निलंबित उच्च श्रेणी शिक्षक स्वामी प्रसाद त्रिपाठी द्वारा दी गई थी। यह राशि जिला समन्वयक शिक्षा मिशन सूर्यभूषण मिश्रा के पास भेजी जानी थी, लेकिन साहब के लिए दलाली करना आरोपी शिक्षकों को मंहगा पड़ा और वे रिश्वत की रकम के साथ लोकायुक्त पुलिस द्वारा रंगे हाथ पकड़ लिए गये। 


स्कूल प्रांगण में कार्यवाही करती लोकायुक्त सागर पुलिस
स्कूल प्रांगण में कार्यवाही करती लोकायुक्त सागर पुलिस
लोकायुक्त पुलिस सागर की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा

निलंबित शिक्षक को बहाल कराने डीपीसी के लिये ली थी रिश्वत


जिला समन्वयक के लिए ली गई रिश्वत, लेकिन कार्रवाई से बचाया
 


उल्लेखनीय है कि जिले के शिक्षा विभाग में रिश्वतखोरी किस कदर हावी है इसका सहज अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि करीब एक माह पूर्व एक शिक्षक से उसकी पदस्थापना के नाम पर तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी महेन्द्र द्विवेदी सहित एक लिपिक को उनके कार्यालय में 10 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। इस कार्यवाही के बावजूद शिक्षा विभाग में रिश्वत का खेल जारी है। इसका खुलासा शुक्रवार को उस समय हुआ जब निलंबित उच्चश्रेणी शिक्षक स्वामी प्रसाद त्रिपाठी को दावे के साथ बहाल कराने के नाम पर संतोष कुमार पाठक संविदा शिक्षक वर्ग-3 व अतिथि शिक्षक बालेन्द्र तिवारी शासकीय प्राथमिक शाला बमुरहिया संकुल केन्द्र गुनौर द्वारा 50 हजार की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस सागर की टीम ने रंगे हाथ गिरफतार कर लिया। दोपहर करीब 3 बजे स्कूल के प्रांगण में हुई इस कार्यवाही की खबर फैलते ही शिक्षा विभाग सहित जिले के प्रशासनिक हलकों में हडकप मच गया। क्योंकि रिश्वत की रकम जिला शिक्षा केन्द्र समन्वयक पन्ना सूर्यभूषण मिश्रा को देने के लिये ली गई थी। ट्रैप कार्यवाही का नेतृत्व कर रहे केके अग्रवाल ने बताया कि रिश्वत लेने के आरोप में गिरफतार दोनों शिक्षक इस मामले में डीपीसी के दलाल के रूप में काम कर रहे थे। दोनों शिक्षकों के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर जमानती मुचलके पर उन्हे रिहा कर दिया गया। 

शिकायत कर्ता शिक्षक स्वामी प्रसाद त्रिपाठी
शिकायतकर्ता स्वामीप्रसाद त्रिपाठी
शिक्षक स्वामी प्रसाद त्रिपाठी का आरोप है कि डीपीसी के मन-मुताबिक अतिथि शिक्षकों की भर्ती न करने पर वे उससे नाराज थे। जिसके चलते डीपीसी ने दुर्भावना से ग्रसित होकर कार्यवाही करते हुए उसे 29 अक्टूबर 2014 को निलंबित कर दिया था। श्री त्रिपाठी को बहाल कराने के लिये संविदा शिक्षक संतोष कुमार पाठक और अतिथि शिक्षक बालेन्द्र तिवारी ने उनसे डीपीसी को देने के लिये ढेड़ लाख रूपये की मांग की जिस पर एक लाख रूपये में बात तय हो गई। मंगलवार 3 फरवरी को स्वामी प्रसाद त्रिपाठी द्वारा इस मामले की लिखित शिकायत की गई थी। लोकायुक्त पुलिस की तस्दीक में शिकायत सही पाये जाने पर शुक्रवार 6 फरवरी को योजनाबद्ध तरीके से दोनो शिक्षकों को रिश्वत लेते हुुए रंगे हाथ गिरफतार कर लिया गया। दोनों शिक्षकों द्वारा अपने बयान में डीपीसी के लिये रिश्वत की रकम लेने की बात कबूल की गई है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि लोकायुक्त पुलिस ने जिला शिक्षा केन्द्र समन्वयक पन्ना सूर्यभूषण मिश्रा को इस मामले में सह आरोपी नहीं बनाया है। इससे लोकायुक्त पुलिस की कार्यवाही की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैैं। 

जांच के बाद करेंगे कार्रवाई का फैसला
रिश्वत लेने के मामले में फिलहाल संविदा शिक्षक संतोष कुमार पाठक व अतिथि शिक्षक बालेन्द्र तिवारी के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के आधार पर जिला शिक्षा केन्द्र समन्वयक सूर्यभूषण मिश्रा के संबन्ध में निर्णय लिया जायेगा।
केके अग्रवाल, 

निरीक्षक, लोकायुक्त पुलिस, सागर

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