रेलिक रिपोर्टर, बेगमगंज.
गोरखपुर
में 1952 में शिशु मंदिर स्कूल प्रारम्भ किया था, जिसकी शाखाएं आज पूरे
भारत में फै ल चुकी है। वह एक पौधा अब पूरे वट वृक्ष के रूप में देश के
नौनिहालों को संस्कारमय बनाना रहा है। जब देश आजाद हुआ था तो लोग यह सोच
रहे थे कि दो और दो चार के स्थान पर हमारे बच्चे आगे बढ़कर देश से बेरोजगारी
को दूर करेगें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
यह विचार सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित पुरूस्कार
वितरण एवं सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में विभाग समन्वयक
ज्ञानसिंह कौरव ने व्यक्त किए। अध्यक्षता जनपद सीईओ आरएन गुप्ता ने की।
विशिष्ट अतिथि के रूप में वन परिक्षेत्राधिकारी एके झवर, नपाउपाध्यक्ष
राजेन्द्र सिंह जाट, विवेकानंद शिक्षा परिषद अध्यक्ष राकेश भार्गव, अशोक
कुमार दुबे, लोक अभियोजक बद्रीविशाल गुप्ता, धनसिंह कुश्वाहा, फूल सिंह
चौरसिया, गजेन्द्रसिंह ठाकुर उपस्थित थे।
संस्था
की बहिनों ने सरस्वती वंदना, अतिथि सत्कार गीत के बाद साथियों बढ़े चलों
गीत की प्रस्तुति देकर सभी को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। पुरूस्कारों
में मप्र एवं छत्तीसगढ़ में आयोजित बौद्धिक प्रतियोगिता में तात्कालिक भाषण
में प्रथम आने वाली बहिन पलक लोधी, राखी निर्माण में अनुश्री जाट, प्रिया
तिवारी, दिशा जैन, सांस्कृतिक प्रतियोगिता के एकल नृत्य के लिए साक्षी
कुश्वाहा, कुर्सी दौड़ में अनामिका लोधी, नैनी जैन, सर्वश्रेष्ठ समर्पण में
बहिन अन्वी गुप्ता, खेलकूद में प्रंशात जाट, साहसिक प्रदर्शन के लिए रामजी
कलिराम सहित विभिन्न कक्षाओं में प्रथम आने वालों को पुरूस्कृत किया गया।
इस
अवसर पर उत्कृष्ट शिक्षण के लिए सोनाली नीखरा, दीपेश गौर, राजेश्वरी खरे,
100 प्रतिशत परिणाम देने में अंकिता मिश्रा, नितेन्द्र जैन, सर्वाधिक
समर्पण में दीपेश विश्वकर्मा, सांस्कृतिक में श्रेष्ठ सोनम लखेरा, लक्ष्मी
लोधी, काजल शर्मा एवं नीलमणी सोनी, सांस्कृतिक ज्ञान में श्रेष्ट योगिता
राजपूत, जिज्ञासा भार्गव को सम्मानित किया गया।
1952 में शुरू किया गया स्कूल बन गया है वट वृक्ष
फ़रवरी 24, 2015
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