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पिरान कलियर में मिट जाती हैं मजहब की दीवारें

रेलिक रिपोर्टर, लखनऊ.

पिरान कलियर में मिट जाती हैं मजहब की दीवारें
विश्व प्रसिद्ध पिरान कलियर में जियारत करने तो लाखों लोग आए। लेकिन उनमें कुछ ऐसे भी थे जो सेवादार बनकर आए और यहां सांप्रदायिक सौहार्द की भी मिसाल पेश कर गए। 
इन्होंने उर्स के दौरान जायरीनों की सेवा और उनकी मदद की। दरगाह परिसर से लेकर पूरे मेला क्षेत्र में साफ सफाई का विशेष अभियान चलाया। लंगर भी लगाया। शनिवार को इन जोशीले लोगों की टोली यहां से विदा हुई तो हर किसी की जुबान पर इनकी सेवा के जज्बों के किस्से थे हर साल की ही तरह इस बार भी इन लोगों ने परिसर में कई दरगाहों पर रंगरोगन कराया। इस जत्थे में शामिल महिलाएं, जवान, बुजुर्ग सभी जायरीनों की सेवा के लिए जुटे रहे। 

पिरान कलियर में मिट जाती हैं मजहब की दीवारें
उत्तर प्रदेश के साबिर पाक के उर्स में धर्म और मजहब के बजाय सेवा सबसे ऊपर

मिस्सी शाह के अनुयायी वास्तव में धर्म और मजहब से ऊपर उठकर साबिर पाक की सेवा कर रहे हैं। जो इस बात का संदेश देता है कि हर इंसान को हर इंसान के मजहब को सम्मान देना चाहिए। हर साल बटाला शहर से यहां पहुंचने वाले अनुयायी दिन रात उर्स में रहकर साफ सफाई करते हैं। जो अपने आप में मिसाल है।

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