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कुत्तों के नोचने से मरी नील गाय का अंतिम संस्कार

रेलिक रिपोर्टर, भोपाल.
 
कुत्तों के नोचने से गंभीर घायल युवा नील गाय की बचाव और इलाज के अभाव में मौत हो जाने के बाद शुक्रवार को वन विहार में जला दिया गया। इससे पहले नील गाय का पोस्टमार्टम किया गया। इस नील गाय को बीते दिन भोपाल के निकटस्थ बगौनिया गांव के पास के प्लांटेशन में आवारा कुत्तों ने नोच-नोच कर घायल कर दिया था। 


कुत्तों के नोचने से मरी नील गाय का अंतिम संस्कार
बगौनिया गांव के प्लांटेशन में कुत्तों ने नोच कर किया था घायल

पोस्टमार्टम के बाद वन विहार में मृत नील गाय को जलाया गया
 


गौरतलब होगा कि, बगौनिया गांव के पास 25 हेक्टेयर में प्लांटेशन किया है। यहां पर मवेशियों और गांववालों का आना जाना कम होने सेनील गाय के एक झुंड ने बसेरा बना लिया है। इसी झुंड पर गुरुवार सुबह आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया। इससे झुंड में भगदड़ मच गई और एक युवा नील गाय को कुत्तों ने घेर कर नोचना शुरु कर दिया। आवाजें सुनने के बाद यहां पदस्थ चौकीदार ने कुत्तों को भगाकर नील गाय को बचाया और अधिकारियों को खबर की। हालांकि,वन अमले के गांव बगौनिया पहुंचते-पहुंचते शाम हो गई और दिनभर तड़पने के बाद नील गाय की बिना इलाज के मौत हो गई। इसके बाद वन अमला अपने साथ मृत नील गाय को लेकर भोपाल आया और भदभदा के पास स्मृति वन में एक नाव के नीचे ढ़ंक कर रख दिया था। 

कुत्तों के नोचने से मरी नील गाय का अंतिम संस्कार
प्लांटेशन बन गया है वन्यप्राणियों का बसेरा
बगौनिया प्लांट में नील गाय का एक बड़ा झुंड़ रहता है, जिसमें 40 से ज्यादा नील गाय होने का अनुमान है। इसके साथ ही खरहा, अजगर और लोमड़ी आदि भी देखे गए हैं। ऐसे में वन अमले की गैरमौजूदगी में शिकारियों के साथ मांसखोर प्राणी सक्रिय हो जाते हैं। गौरतलब होगा कि बीते दिन इसी इलाके में मय जीप और असलहे के तीन शिकारी पकड़े गए थे। 


फरमाते हैं जिम्मेदार
प्लांटेशन काफी बडे इलाके में होने से नील गाय एवं अन्य वन्य प्राणियों का बसेरा बन गया है। लगातार चौकसी बरती जाती है, जिससे कभी कभार ही अचानक ऐसी घटनाएं होती है। लगातार सर्चिंग के निर्देश दिए गए हैं।
एल कृष्णमूर्ति, वन मंडलाधिकारी, भोपाल

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