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पुराना पन्ना के जघन्य हत्याकाण्ड का हुआ खुलासा

अरुण सिंह, पन्ना.
 
पुराना पन्ना में विगत दो माह पूर्व हुए दिल को दहला देने वाले जघन्य हत्याकाण्ड का खुलासा करने में पन्ना पुलिस को कामयाबी मिली है। इस सनसनी खेज मामले में एक ही परिवार के चार सदस्यों की बड़े ही निर्मम तरीके से हत्या की गई थी। समूचे शहर को दहला देने वाली हत्या की यह घटना पन्ना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती थी, जिसका खुलासा दो माह बाद हो सका। मामले में पुलिस ने हत्या की घटना को अंजाम देने वाले चार युवकों को गिरफ्तार किया है। 


हत्या के आरोपियों के साथ गिरफ्तार करने वाला पुलिस दल
हत्या के आरोपियों के साथ गिरफ्तार करने वाला पुलिस दल
एक ही परिवार के चार सदस्यों की हुई थी निर्मम हत्या 

घटना के दो माह बाद हत्या आरोपी चार युवक गिरफ्तार 


पुलिस अधीक्षक पन्ना आईपी अरजरिया ने आज आयोजित प्रेसवार्ता में घटना की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपियों ने लूटपाट व चोरी करने की नियत से हत्या की इस घटना को अंजाम दिया था। मामले का मुख्य आरोपी गोविन्द सिंह 26 वर्ष निवासी बिदोखर थाना भरूआ सुमेरपुर जिला हमीरपुर हाल निवास कालींजर उ।प्र। है। इसने अपने तीन अन्य साथियों शेख रहीस 28 वर्ष, शेख अनीस 26 वर्ष तथा शेख फारूख 22 वर्ष सभी निवासी शेखन की बगिया जिला छतरपुर के साथ मिलकर पुराना पन्ना स्थित घर में सावित्री उर्फ रानी बाई, पुत्री कुमारी शिल्पा तथा पुत्र करन एवं पुष्पेन्द्र की हत्या की थी। इन आरोपियों ने हत्या की घटना को अंजाम 20 नवम्बर 2014 को दिया था लेकिन पुलिस को मामले की जानकारी 23 नवम्बर को तब लगी जब घर से बदबू आने लगी। मृतकों के पोस्ट मार्टम से यह बात सामने आई कि हत्या गला घोंटकर की गई थी।
मालुम हो कि मृतिका सावित्री उर्फ रानी बाई अपनी एक बेटी तथा दो बेटों के साथ पुराना पन्ना स्थित अपने एक छोटे से घर में रहती थी। मृतिका का जीवन चरित्र विवादास्पद व संदिग्ध प्रकृति का था। इसके घर में तमाम प्रकार के लोगों का आना - जाना भी बना रहता था। मुख्य अभियुक्त गोविन्द सिंह भी मृतिका सावित्री बाई से पूर्व परिचित था और उसके यहां आया - जाया करता था। पुलिस द्वारा की गई पूंछतांछ में अभियुक्त गोविन्द सिंह ने बताया कि उसने सावित्री बाई के घर में देखा कि कई पैसे वाले लोगों का यहां आना - जाना है, इसलिए उसे यह लगा कि मृतिका के पास खूब पैसा तथा कीमती जेवर होंगे। इसी उम्मीद में गोविन्द सिंह ने सावित्री के घर में चोरी करने की योजना बनाई और इस कार्य में छतरपुर के तीन शेख बन्धुओं की मदद ली।
घटना दिनांक को अभियुक्त गोविन्द सिंह अपने पूर्व परिचय का फायदा उठाते हुए सावित्री उर्फ रानी बाई के घर 20 नवम्बर को दोपहर में पहुंचा। घटना को अंजाम देने के लिए इन शातिर आरोपियों ने रबड़ी में नशीला पदार्थ मिलाकर ले गये थे, जिसे इन्होंने दोपहर 2 बजे के लगभग सावित्री बाई तथा उसकी बेटी कुमारी शिल्पा को खाने के लिए दिया। रबड़ी खान के कुछ ही देर बाद दोनों मां व बेटी बेहोश हो गईं। शाम लगभग 4 - 5 बजे जब सावित्री के दोनों बेटे स्कूल से घर आये तो उन्हें भी आरोपियों ने नसीली रबड़ी खिला दी। जब घर के चारो सदस्य बेहोश हो गये तो नायलोन की रस्सी से गला घोंटकर सभी की बेरहमी के साथ निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी। इसके बाद पूरे घर की तलाशी लेकर नगदी, सोने व चांदी के कुछ आभूषण, मृतकों के मोबाइल फोन तथा लेपटाप लेकर भाग निकले। जाते समय उन्होंने मृतिका के घर के बाहर की ओर से ताला भी फंसा दिया ताकि लोग यह समझें कि घर में ताला लगा है। 


काल डिटेल से मिला था गोविन्द का नम्बर
पुलिस अधीक्षक अरजरिया ने बताया कि अंधे कत्ल का यह मामला अत्यधिक क्रिटिकल व चुनौतीपूर्ण था। मृतिका के घर में चूंकि अनेको लोगों का आना - जाना था, इनमें से आरोपियों की पहचान करना बेहद कठिन कार्य था। लेकिन पन्ना पुलिस ने अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमताओं का प्रयोग करते हुए बड़े धैर्य के साथ मामले की छानबीन जारी रखा। छानबीन के दौरान मृतिका सावित्री बाई के काल डिटेल में गोविन्द सिंह का नम्बर मिला। पुलिस टीम ने जब इसकी गहराई से छानबीन की तो कडियां जुड़ती चली गईं और अन्तत: पूरे मामले की हकीकत उजागर हो गई। मुख्य आरोपी गोविन्द सिंह बेहद शातिर और अपराधी प्रवृत्ति का है जो तीन नामों गोविन्द उर्फ राजा ठाकुर उर्फ कृष्णागिरी से जाना जाता है। इस शातिर आरोपी ने अपना हुलिया साधु जैसा बना रखा था, ताकि किसी का उसके ऊपर शक न हो। 


हत्या में शामिल शेख बन्धु सगे भाई
इस सनसनीखेज व दिल दहला देने वाले हत्याकाण्ड में मुख्य अभियुक्त गोविन्द सिंह के साथ छतरपुर के जिन तीन युवकों ने भागीदारी निभाई है वे तीनों सगे भाई हैं। शेखन की बगिया छतरपुर के निवासी शेख रहीस, शेख अनीस तथा शेख फारूख ने गोविन्द सिंह के साथ हत्या की घटना को अंजाम दिया था। आरोपियों को उम्मीद थी कि सावित्री बाई के घर में उन्हें लाखों रूपए नगदी व कीमती जेवरात मिलेंगे। लेकिन उन्हें सिर्फ 5200 रूपए नगद, कुछ जेवरात जिनमें अधिकांश नकली हैं प्राप्त हुए। आरोपी तीन मोबाइल व लेपटाप भी ले गये थे। पुलिस अधीक्षक अरजरिया ने बताया कि अभियुक्तों को पुलिस रिमाण्ड में लेकर इनसे और पूछताछ की जाएगी। अपराध की विवेचना जारी है।

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