बुधवार की रात्रि में शुरू हुई तेज बारिश ने पानी ही पानी कर दिया। सिंचाई के कारण नाले तो सूख गए थे नदियां सूखने की कगार पर पहुंच गई थी, जिससे किसान गढडे कर अपने खेतों में पानी सींच रहे थे। अचानक मौसम परिवर्तन के साथ पूरी रात और दिन में हुई बूंदा बांदी के बाद नदी नाले पानी से लबालब हो गए। नदियों में इतना अधिक पानी पहुंच गया कि स्टाप डेमों के बंद शटर खोलना पड़े तथा किसानों की इंजन व विद्युत पम्प जो सिंचाई के लिए रखे हुए थे नदी के पानी में डूब जाने से किसानों का नुकसान हुआ, लेकिन वर्षा से किसानों के खेत भी पानी से भर जाने से उन्हें सिंचाई का खर्चा बचने से लाभ भी हुआ है। दूसरी ओर, बरसात से भूसा और सामान बचाने के लिए बरसाती की जमकर खरीदी की गई।
बीना नदी का जहां पानी ही पानी नजर आ रहा है। |
फूलों और पत्तियों पर सुबह पानी की बूंदे बर्फ बनकर लटक गर्इं
वर्षा से बीना नदी, सेमरी, दुधई नालों के अलावा तुलसीपार, कीरतपुर, चांदोड़ा डेम सहित कोकलपुर,सागोनी आदि तालाबों में पर्याप्त पानी भर गया है। तहसील के वर्षा मापी यंत्र ने बुधवार की रात्रि से गुरूवार की सुबह 9 बजे तक 75 एमएम वर्षा अर्थात करीब तीन इंच वर्षा दर्ज की है। वर्षा से मकानों में पानी भर गया, जिससे अफरा तफरी मच गई। अचानक हुई वर्षा से लोग अपना बचाव नहीं कर सके, वहीं जिन ट्रकों में उपज अथवा गुड़ शकर भरकर परिवहन हो रहा था, उन्हें भी अचानक वर्षा से नुकसान उठाना पड़ा। क्षेत्र के व्यापारियों की दो ट्रक शकर भीग जाने से उन्हें कृषि मंडी के शेडो का सहारा लेकर उनपर तिरपाल डालना पड़ा।
बेमौसम बरसात से कृषि को फायदा
ग्राम महुआखेड़ा के किसान सौरभ शर्मा, सागोनी के बालगिरी गोस्वामी, तुलसीपार के अजहर पटेल, देवलापुर के राजेन्द्र पटेल, सूरज नारायण गुप्ता, जोखीराम पटेल, शेख फाजिल का कहना है कि अभी पाला तुषार जैसी स्थिती कहीं नहीं बनी है। वर्षा से फसलों को लाभ है, लेकिन चना व मसूर को रोग लगने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही वर्षा से किसानों को सिंचाई के लिए उपयोग किए जाने वाले लाखों रूपए के डीजल आदि की बचत हो गई तो वहीं नगर के चार पेट्रोल पंप पर डीजल के लिए लगने वाली भीड़ समाप्त हो गई। पेट्रोल पंप संचालकों को घाटा उठाना पड़ा, क्योंकि सिंचाई के चलते उन्होने एडवांस डीजल की बुकिंग कर रखी थी।
फिलहाल तो बरसात से किसानों को लाभ
वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जेपी तिवारी का कहना है कि वर्षा से सभी तरह की फसलो को लाभ है। अभी पाला तुषार जैसी स्थिती नहीं है और न ही चना मसूर में रोग लगने की संभावना। आगे मौसम कैसा रहता है उस पर निर्भर करेगा कि किसानों को पाला तुषार से फसलों को कैसे बचाना है या रोग से कैसे सुरक्षा करना है, अभी फिलहाल वर्षा से लाभ है।
नगर पालिका से अलाव लगवाने की मांग
नई परिषद के गठन के कारण अब तक नगर पालिका ने नगर में अलाव लगवाने की व्यवस्था नहीं की है, जिससे आमजन व मजदूर तबके के लोग ठिठुरन भरी सर्दी में हाथ तापने के लिए यहां वहां होटलों की भटिटयों के आसपास भटकते नजर आए। नगर के प्रबुद्ध नागरिको सहित मजदूर वर्ग के लोगों रामप्रकाश,करामत शाह, छोटेलाल, शब्बीर मंसूरी, दुर्जन सिंह, बारेलाल, ओमप्रकाश, कुन्दनसिंह, अकबर खां, मज्जू भाई, गया प्रसाद ने नगर पालिका से बस स्टैंड, पुराना स्टैंड, गांधी बाजार, किला, काजी मोहल्ला, कबीट चौराहा, पक्का फाटक, चोर बावड़ी, हदाईपुर, टेकरी, न्यायालय के पास, तहसील परिसर, दशहरा मैदान, रामनगर, ईश्वरनगर, बीड़ी कालोनी आदि स्थानों पर अलाव की व्यवस्था कराने की मांग की है।