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सरपंच पद पर भूरिया परिवार की निर्विरोध हेट्रीक

रेलिक रिपोर्टर, झाबुआ.

शासन द्वारा निर्विरोध चुनी गयी पंचायत के लिए इनाम रखा गया ताकी अधिक से अधिक पंचाायते निर्विरोध आ सके। प्रदेश में कही इसका असर हो या नही हो पर झाबुआ जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत परवट में इसका पूरा असर विगत पन्द्रह सालों से दिखाई दे रहा है। 

निर्विरोध सरपंच चुनी रमिला भूरिया
निर्विरोध सरपंच चुनी रमिला भूरिया
जिले की शायद यह पहली ग्राम पंचायत है जहां पर पंचायती चुनाव विगत पन्द्रह सालों से नही हो पाये और इसका श्रेय जाता है यहां के कर्मठ और जुझारू युवा कांगे्रस नेता शंकरसिह भूरिया को, जिन्होने अपने पिता के अवसान के बाद से उनकी राजनैतिक विरासत को संभाला और गांव वालों से मिलकर जिले के लिए एक मिसाल कायम की।
परवट ग्राम पंचातय में भाजपा प्रत्याशी उतारना चाहती थी वही कांग्रेस भी शंकर की व्यूह रचना पर नजर बनाये रख रही थी। आखिर शंकर किस तहर से अपनी पंचायत को निर्विरोध लाने में सफल हो जाता है, लेकिन जैसे ही परवट के निर्विरोध निर्वाचन की खबर लगी कांग्रेस में जहां खुशी का माहौल दिखाई दिया वहीं भाजपा के नेता उदास दिखाई दिए।

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