रेलिक रिपोर्टर, झाबुआ.
भारतीय संस्कृति में हमेशा से ही त्याग का महत्व रहा है। देश त्यागी तपस्वी, संत में विश्वविख्यात स्वामी विवेकानंद का जन्म दिवस हर्षोल्लास के साथ मना रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश पर आज पूरे मध्यप्रदेश में सभी स्कूलों में सूर्य नमस्कार एक अनुठा आयोजन किया गया। आज यदि देश के अंदर महावीर स्वामी के संदेश को आत्मसात कर लिया जाता तो देश का नक्शा ही कुछ अलग होता।
उक्त बात स्थानीय श्वेतांबर जैन समाज के परिषद भवन में विराजित तेरापंथ जैन मुनि पूज्य भूपेन्द्रमुनिजी ने धर्मचर्चा करते हुए कही। युवा पीढी के पथ भ्रष्ट होने तथा भटकने पर उन्होने कहा कि युवा युवा पीढी स्वयं नही वरन हम उन्हें भटका रहे है। क्योंकि हमारे आदर्श माता-पिता, गुरूजनों, देश के कर्णधार ही इसके लिये जिम्मेवार है। वे यदि स्वयं संस्कारहीन होंगे तो युवा पीढी में संस्कारों का निर्माण कैसे कर पायेगें। युवा पीढी को भटकाव से बचाने का सर्वोत्तम उपाय है अविभावक जन भटकना छोड दे।
युवा वीढी के भटकाव के लिये हम स्वयं जिम्मेवार
जनवरी 12, 2015
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