सुप्रीम कोर्ट ने समाज में उपेक्षित किन्नर वर्ग को तीसरा स्थान देकर बराबरी का हक प्रदान करने में महत्ती भूमिका आद करते हुए उन्हें संवैधानिक संरक्षण प्रदान कर समाज में सम्मान से जीने का हक देकर गौरवान्वित किया है साथ ही कानूनी संरक्षण भी प्रदान किया है।
साक्षरता शिविर को संबाधित करते न्यायाधीश जोशी |
यह विचार अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमल जोशी ने किन्नर समुदाय के विधिक अधिकार पर आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में व्यक्त किए। उन्होने कहा कि किन्नरों के प्रति जागरूक हो उन्हें समाज में सम्मान की दृष्टि से देखा जाना चाहिए ताकि वो हीन भावना का शिकार न हो सके। अब किन्नरों को भी शैक्षणिक संस्थाआें में प्रवेश और सरकारी नौकरी पाने का अधिकार मिल गया है।
अतिरिक्त लोक अभियोजक बद्री विशाल गुप्ता ने किन्नरों के कानूनी अधिकार एवं संवैधानिक संरक्षण के तहत स्त्री पुरूष के समान तीसरे वर्ग में मान्यता मिलने और बराबरी का दर्जा मिलने पर प्रकाश डाला। संचालन एवं आभार प्रदर्शन न्यायाधीश चन्द्रसेन मूवेल ने किया।