अदिवासी अंचल में जनवरी माह की शुरूआत में ही मौसम ने अब पूरी तरह अंगड़ाई ले ली है, माहौल में ठंडक की दस्तक से जहां गर्म कपड़ो के बाजार सज रहे है तो दूसरी तरफ खाने पीने की दुकानों पर सुबह-शाम ग्राहकों की भीड़ जुटने लगी है, वही किसान मावठे का इंतजार कर रहे है।
अलाव से ठंड का बचाव करत आश्रम के बच्चे |
इन दिनों दिनभर मौसम में ठंडापन महसूस हो रहा है और पिछले 6-7 दिनों से चल रही ठंडी हवाओं के कारण अंचल के बाजार भी जल्दी बंद हो रहे है। स्थानीय दुकानें शाल, स्वेटर, जरकीन से सजी हैं।
मावठे की आस में हैं अंचल के किसान
अंचल के किसानों को कड़कड़ाती ठंड के लिये मावठे का इंतजार है ताकि गेहूं व चने की फसले लह लहा सके और उन्हें फसल के अच्छे दाम प्राप्त हो। नववर्ष प्रवेश के बाद अंचल में अनेक सानों पर हल्की बारिश हुई लेकिन कुछ समय के बाद बंद हो गई। किसान मावठे की आस लगाये बैठे है ताकि उनकी फसले तर जाय।
ठंड से बचने धूप-अलाव बने सहारा
अंचल में चल रही ठंडी हवाओं ने सभी को हाल बेहाल कर रखा है। प्रात: काल से ही सबकों धूप का इंतजार होता है। सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों का ठंड से बुरा हाल हेै, ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाली स्कूलों के शिक्षक धूप निकलने पर उन्हें धूप में बिठाकर पढाई करा रहे है। हालांकि ठंड को देखते हुए प्रशासन ने शनिवार तक की छुट्टी घोषित की थी। सोमवार से फिर विधिवत स्कूल प्रारंभ हो जाएगे। इसी प्रकार अंचल के छात्रावास-आश्रमों में भी छात्र-छात्राएं सुबह-शाम अलाव जलाकर ठंड से बचाव कर रहे है।