जिला मुख्यालय पन्ना से महज 10 किमी की दूरी पर सडक मार्ग के निकट स्थित लखनपुर सेहा का घना जंगल तथा ऊंची मीनार जैसा नजर आने वाला यहां का मशरूम रॉक देखने काबिल है। जैव विविधता से परिपूर्ण इस मनोरम स्थल में पर्यटन विकास की असीम संभावनाएं मौजूद हैं, फिर भी आश्चर्य हैकि अभी तक प्रकृति की इस अनूठी और विस्मय विमुग्ध कर देने वाली कृति की ओर शासन व प्रशासन का ध्यान नहीं गया। यदि इस स्थल का समुचित विकास हो जाए तो यह देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन सकता है।
पन्ना के निकट लखनपुर सेहा का मशरूम रॉक |
पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन सकता है घना जंगल एवं सैकड़ों मीटर गहरी घाटियां
उल्लेखनीय है कि पन्ना जिले को प्रकृति ने अनुपम सौगातों से नवाजा है। यहां के हरे - भरे घने जंगल, अनूठे जल प्रपात व गहरे सेहे देखकर लोग हैरत में पड़ जाते हैं कि यहां इतना सब है फिर भी यह इलाका पिछड़ा और गरीब क्यों है? पन्ना शहर में जहां भव्य व विशाल प्राचीन मंदिर हैं वहीं इस जिले में ऐतिहासिक महत्व के स्थलों की भी भरमार है। प्रकृति तो जैसे यहां अपने बेहद सुन्दर रूप में प्रकट हुई है। यदि इन सभी खूबियों का सही ढंग से क्षेत्र के विकास व जनकल्याण में रचनात्मक उपयोग हो तो इस पूरे इलाके का कायाकल्प हो सकता है। पन्ना शहर के बेहद निकट स्थित लखनपुर का सेहा एक ऐसा स्थान है जो इस जिले को पर्यटन के क्षेत्र में सम्मानजनक स्थान दिलाने की क्षमता रखता है। जरूरत सिर्फ इस बात की है कि इस अनूठे स्थान को देश व दुनिया के सामने सही तरीके से प्रस्तुत किया जाय तथा इस स्थल का अपेक्षित व जरूरी विकास किया जाय।
जानकारों का यह कहना है कि लखनपुर का सेहा सैकडों वर्षों से बाघों का प्रिय रहवास रहा है। यहां पर सैकडों प्रजाति की जहां वनस्पतियां व वृक्ष पाये जाते हैं वहीं वन्य जीवों के मामले में भी यह जंगल अत्यधिक समृद्ध है। बारिश के मौसम में तो लखनपुर का सेहा जीवंत हो उठता है। पहाड़ के ऊंचे शिखरों से जब जल प्रपात के रूप में पानी की धारा नीचे गिरती है तो यह नजारा लोग अपलक होकर निहारते हैं। इसी सेहा से होकर रूंज नदी गुजरती है, क्यों इस जंगल और पहाड़ का पानी इसी नदी में जाकर मिलता है। सब कुछ इतना निराला और अनूठा है कि इस स्थान के बारे में यही कहा जा सकता है कि अवश्य देखिये यह देखन जोगू।
मशरूम रॉक है वल्चरों का बसेरा
ऊंची मीनार की शक्ल जैसा दिखने वाला लखनपुर सेहा का मशरूम रॉक आकर्षण का केन्द्र बिन्दु है। प्रकृति ने इस कलाकृति को बड़े ही अनूठे अंदाज में गढ़ा है। पहली मर्तबे जो कोई यहां जाता है वह यहां के घने हरे - हरे भरे जंगल का विहंगम दृश्य व मशरूम रॉक के अद्भुत नजारे को देख अवाक रह जाता है। ऊंचे पहाड़ों के बीच स्थित यह मशरूम रॉक वल्चरों का सुरक्षित ठिकाना भी है। यहां के जंगल में दर्जनों की संख्या में वल्चर ऊंची उड़ान भरते नजर आते हैं। कुछ आकाश की ऊंचाई को नापते हुए उड़ते हैं तो कुछ इस मीनार में आकर विश्राम करते हैं। वल्चरों के लिए शायद यह बेहद प्रिय व अनुकूल जगह है, क्यों कि यहां उनकी जिन्दगी में किसी भी तरह का कोई खलल और बाधा नहीं है।
सेहा के हरे - भरे जंगल का शानदार नजारा |
पन्ना जिले में पर्यटन विकास की संभावनाओं की तलाश करने के लिए अभी हाल ही में कलेक्टर आरके मिश्रा द्वारा जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है। प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2015 को पर्यटन वर्ष के रूप में मनाये जाने की घोषणा की गई है। इसी परिप्रेक्ष्य में पर्यटन वर्ष मनाने के लिए पन्ना जिले में भी कार्य योजना तैयार की जा रही है। समिति में जिले के कई प्रमुख अधिकारियों को शामिल किया गया है। इस अच्छे अवसर का पन्ना जिले को भरपूर फायदा मिल सकता है, क्यों कि इस जिले में वह सारी चीजें और परिस्थितियां मौजूद हैं जो एक अच्छे पर्यटन स्थल के लिए जरूरी हैं। यदि पर्यटन विकास समिति ने रूचि के साथ कार्य किया और बेहतर कार्ययोजना बनाई तो पन्ना एक अनूठा पर्यटन स्थल बन सकता है।