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दिसम्बर में मौसम का सबसे ठंडा दिन रहा बुधवार

रेलिक रिपोर्टर, बेगमगंज.
 
साल का आखरी दिन लोगो को कपकपां गया। सुबह से ही मौसम ने अचानक करवट बदली और रिमझिम बारिश के साथ ही कपकपां देने वाली ठंड ने लोगों को घरों में दुबके रहने को मजबूर कर दिया। यह तो अच्छा हुआ कि कलेक्टर रायसेन ने स्कूलों में छोटी क्लासों को नहीं लगाने के निर्देश दे दिए, जिससे बच्चे ठंड की शामत से बच गए। 


फूलो पर जमी शबनम से हुआ बर्फबारी का एहसास
फूलो पर जमी शबनम से हुआ बर्फबारी का एहसास
हालांकि, सेवाकालीन प्रशिक्षण लेने जा रहे शिक्षक विशेष तौर पर शिक्षिकाएं अत्याधिक परेशान हो रही हैं। हल्की बारिश के साथ ठिठुरनभरी सर्दी पर उन्हें अपने ग्राम से प्रशिक्षण केन्द्रों पर जाने में अत्यधिक असुविधाआें का सामना करना पड़ा। कई महिला शिक्षक अपने छोटे बच्चों के साथ रिस्क लेते हए बीस किमी दूर तक अपने प्रशिक्षण केन्द्र पहुंची जो ठंड को बर्दाश्त नहीं कर सकी तो वे अपने बच्चों सहित बीमार हो गई। सुबह सवेरे हल्की बारिश व ठंडी हवाओं ने मौसम को ठंडा कर दिया लोग दिन भर आग का सहारा लेते देखे गए। कोहरे के कारण खेत ऐसे नजर आ रहे थे जैसे धुंआ उठ रहा हो, वहीं फूल पत्तियों पर भी ओस ने अपनी अलग ही छटा बिखेर रखी थी। 
दिन भर हुई बारिश का नजारा व कोहरे की एक सुबह
दिन भर हुई बारिश का नजारा व कोहरे की एक सुबह
घने कोहरे को देखकर किसान मालिक से लौ लगाए हुए है कि, उनकी फसलों को पाला तुषार कोई नुकसान न पहुंचा दे। वहीं सब्जी के कछवाड़ों में पाला तुषार की अंधिक संभावना नजर आने से वे वैकल्पिक उपाय के रूप में खेतों की मेढ़ों पर धुंआ करते नजर आए।
कृषि विभाग द्वारा किसानों को पाले से फसल के बचाव के लिए खेत की मेड़ो पर कचरा या खरपतवार आदि जलाकर विशेष रूप से उत्तर पश्चिम छोर से धुआं करने के साथ ही स्प्रिंकलर के माध्यम से हल्की सिंचाई करने की सलाह दी जा रही है। कृषि विकास अधिकारी जेपी तिवारी ने बताया कि किसानों को सिंचाई के अलावा थायो यूरिया की 500 ग्राम मात्रा को एक हजार लीटर पानी में घोल बनाकर 15-15 दिन के अंतर से छिड़काव करने से भी पाले से फसल को बचाया जा सकता है।


रिमझिम बारिश से खेतों में दिन भर छाया रहा धुआं
रिमझिम बारिश से खेतों में दिन भर छाया रहा धुआं
कोहरा और कड़ाके की सर्दी से दुर्घटनाएं बढ़ी
एक सप्ताह से रूक रूक कर कोहरा छाने से नगर के डेंजर जोन माने जाने वाले क्षेत्रों में दुर्घटनाआें का ग्राफ भी बढ़ा है। एक सप्ताह में अलग अलग आठ दुर्घटनाएं सामने आई है। जिनमें कोलू घाट मंदिर बर्री एवं लोहा मील से सुमेर तक एवं सुल्तानगंज रोड पर घटित हुई है। 


बीओटी मार्ग के संकेतक किसी काम के नहीं
रायसेन से राहतगढ़ तक बीओटी मार्ग पर संकेतक धुंधले हो चुके है। बीच रोड पर मोड़ पर बनाए जाने वाले संकेतक के साथ लगाए जाने वाले रेडियम क्लिप या रेडियम पट्टी किसी भी मोड़ पर नजर नहीं आती। स्पीड ब्रेकर पर भी इसकी व्यवस्था नहीं है। वहीं मोड़ पर सड़क किनारे लगाए जाने वाले संकेतक बोर्ड भी नदारत है। यही हाल सुल्तानगंज रोड का है जो एक वर्ष पूर्व बनकर तैयार हुआ है।

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