साल का आखरी दिन लोगो को कपकपां गया। सुबह से ही मौसम ने अचानक करवट बदली और रिमझिम बारिश के साथ ही कपकपां देने वाली ठंड ने लोगों को घरों में दुबके रहने को मजबूर कर दिया। यह तो अच्छा हुआ कि कलेक्टर रायसेन ने स्कूलों में छोटी क्लासों को नहीं लगाने के निर्देश दे दिए, जिससे बच्चे ठंड की शामत से बच गए।
![]() |
फूलो पर जमी शबनम से हुआ बर्फबारी का एहसास |
![]() |
दिन भर हुई बारिश का नजारा व कोहरे की एक सुबह |
कृषि विभाग द्वारा किसानों को पाले से फसल के बचाव के लिए खेत की मेड़ो पर कचरा या खरपतवार आदि जलाकर विशेष रूप से उत्तर पश्चिम छोर से धुआं करने के साथ ही स्प्रिंकलर के माध्यम से हल्की सिंचाई करने की सलाह दी जा रही है। कृषि विकास अधिकारी जेपी तिवारी ने बताया कि किसानों को सिंचाई के अलावा थायो यूरिया की 500 ग्राम मात्रा को एक हजार लीटर पानी में घोल बनाकर 15-15 दिन के अंतर से छिड़काव करने से भी पाले से फसल को बचाया जा सकता है।
![]() |
रिमझिम बारिश से खेतों में दिन भर छाया रहा धुआं |
एक सप्ताह से रूक रूक कर कोहरा छाने से नगर के डेंजर जोन माने जाने वाले क्षेत्रों में दुर्घटनाआें का ग्राफ भी बढ़ा है। एक सप्ताह में अलग अलग आठ दुर्घटनाएं सामने आई है। जिनमें कोलू घाट मंदिर बर्री एवं लोहा मील से सुमेर तक एवं सुल्तानगंज रोड पर घटित हुई है।
बीओटी मार्ग के संकेतक किसी काम के नहीं
रायसेन से राहतगढ़ तक बीओटी मार्ग पर संकेतक धुंधले हो चुके है। बीच रोड पर मोड़ पर बनाए जाने वाले संकेतक के साथ लगाए जाने वाले रेडियम क्लिप या रेडियम पट्टी किसी भी मोड़ पर नजर नहीं आती। स्पीड ब्रेकर पर भी इसकी व्यवस्था नहीं है। वहीं मोड़ पर सड़क किनारे लगाए जाने वाले संकेतक बोर्ड भी नदारत है। यही हाल सुल्तानगंज रोड का है जो एक वर्ष पूर्व बनकर तैयार हुआ है।