सोन नदी में मछली पकड़ने के जाल में फंसे घडियाल को बचाने के लिए वन अमले ने कामयाब बचाव अभियान चलाकर मेडिकल परीक्षण के बाद वापस नदी में छोड़ दिया। खास यही कि, सोन घडियाल अभ्यारण्य में प्रजनन के लिए सिर्फ दो ही नर घडियाल बचे हैं, जिनमें से एक यही नर था, जिसकी जान बचाई गई।
सोन नदी में घडियाल सेंचुरी में सिर्फ दो नर घडियाल ही बचे हैं, इनमें से ही एक घडियाल जाल में था फंसा
दरअसल, सोन अभ्यारण्य के अंतर्गत जोगदहा प्रवास के दौरान स्थानीय कर्मचारियों द्वारा अवगत कराया गया कि एक नर घडियाल मुंह में मछली पकडन वाला जाल उलझा हुआ देखा गया है। इस पर मौके पर क्षेत्र संचालक, संजय टाइगर रिजर्व पहुंच गए। इसके बाद घडियाल को तत्काल रेस्क्यू कर उसके थूथन को जाल से बाहर निकालने की कोशिश शुरु की गई।
माधव नेशनल पार्क , शिवपुरी के डॉ जितेन्द्र कुमार जाटव, लखनऊ कुकरैल स्थित घडियाल प्रजनन केन्द्र के विशेषज्ञ सुरेश पाल सिंह, टर्टल सरवाईवल एलाएन्स, लखनऊ के डॉ दिशा शर्मा एवं आशुतोष त्रिपाठी, एवं चम्बल अभयारण्य, मुरैना के विजय सिंह तोमर विशेषज्ञों से दूरभाष पर चर्चा कर नर घडियाल के मुह में उलझे हुये जाल को निकालने हेतु रेस्क्यू आपरेशन के लिए पहुंचे। रेस्क्यू दल की तीन टीमें बनाकर ट्रेप के लिये रवाना किया गया। तकरीबन एक घन्टे के प्रयास के बाद सोन नदी के दक्षिणी भाग में नर्सरी के पास नर घडियाल को जाल में फंसाकर पानी के किनारे लाया गया व उसके आंखों को ढकने के लिये बोरा डालकर उसे पूरी तरह कब्जे मे करते हुये फिशिंग नेट को काट कर निकाला गया।