बोगस शिकायत पर सीएमएचओ द्वारा गठित जांच दल द्वारा लैब का निरीक्षण किया गया। वरिष्ठ चिकित्सक डा. केपी गुप्ता के नेतृत्व में जांच दल द्वारा मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया गया लेकिन शिकायत पूर्णतº मिया निकली। मामला शुक्ला पैथालाजी का है। मुख्यमंत्री आनलाईन से मिली शिकायत के अनुसार कलेक्टर के निर्देश पर सीएमएचओ द्वारा एक जांच दल गठित किया गया। दोपहर बाद जांच दल मौके पर पहुंचा जहां पर उसे निराशा हाथ लगी।

अवैध पैथालाजियों पर नही होती है छापामारी
हलाकि उसी से 10 कदम पहले जिला चिकित्सालय के दूसरे गेट के पास अवैध पैथालाजी संचालित है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग का ध्यान वहां नही जा रहा है। इसका कारण सूत्र बताते है कि इस अवैध पैथालाजी में जिला चिकित्सालय के चिकित्सक डॉ. सुखदेव भगत का बोर्ड लगा हुआ है। शहर के बीचों बीच सैकडों की संख्या में चिकित्सक अवैध रूप से अपनी दुकानदारी चला रहे है, जिनके पास न तो कोई डिग्री है न ही डिप्लोमा फिर भी इनका बाजार जोर शोर से चल रहा है। ऐसे ही कई लैब ब्लड कलेक्सन सेंटर संचालित है जिनका पंजीयन नही है। पिछले दो माह पूर्व शुक्ला पैथालाजी व अल्का ब्लड कलेक्सन सेंटर पर सीएमएचओ के निर्देशन में एक टीम ने छापा मारा था। शुक्ला पैथालाजी का सेंटर पंजीकृत पाया गया था जबकि अल्का पैथालाजी संचालक स्वास्थ्य अमले के पहुंचते ही दुकान बंदकर फरार हो गया। महीने भर यह अवैध पैथालाजी पूरी तरह बंद रही लेकिन अमले की लापरवाही से पुन: संचालित हो गई। सीएमएचओ डॉ केके शुक्ला बिगत 1 माह से जानकारी नही दे पा रहे कि आखिर जिला चिकित्सालय के दूसरे गेट से मात्र 100 मीटर दूर संचालित पैथालाजी वैध है अवैध..?