श्रीरामचन्द्र मिशन के अध्यक्ष व अध्यात्मिक गुरु पार्थसारथी राजगोपालाचारी बीती देर रात चेन्नई स्थित आश्रम में महासमाधि में विलीन हो गए, उनके महासमाधि में विलीन होने का समाचार मिलते ही मिशन के अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गयी। यह समाचार मिलते ही हर कोई शाहजहांपुर स्थित रामचन्द्र मिशन के मुख्यालय की ओर दौड़ पड़ा। अपने गुरु के यूं अचानक शरीर त्याग देने से उनके भक्तों का करुण-क्रंदन सुनकर राहगीरों की आंखें भी भर आई, उनका अंतिम संस्कार सोमवार को चेन्नई में ही किया जायेगा
अध्यात्मिक गुरु पार्थसारथी राजगोपालाचारी |
समाधि की खबर सुनते ही अभ्यासी और अनुयायी फफक कर रो पड़े
समर्थ गुरु महात्मा रामचन्द्र महाराज ने वर्ष 1945 में यहां अपने गुरु की याद में श्री रामचन्द्र मिशन की स्थापना की थी। 1983 में उनके महा समाधि में विलीन होने से पूर्व वह पार्थसारथी राजगोपालाचारी को अपना अध्यात्मिक उत्तराधिकारी बना गए थे। तभी से पार्थसारथी राजगोपालाचारी मिशन का काम देख रहे थे, उनके नेतृत्व में आज मिशन विश्व के 120 देशो में पंहुचा तथा मिशन के लाखो अनुयायी उनसे अध्यात्मिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं। पार्थसारथी राजगोपालाचारी 1964 में महात्मा रामचन्द्र महाराज बाबूजी के संपर्क में आये उन्होंने बाबूजी महाराज के साथ तमाम विदेश यात्राये की तथा मिशन को आगे ले जाने में अहम् भूमिका निभाई, उन्होंने कई भाषाओ में दर्जनों पुस्तके भी लिखी।
वह पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे, उनके महासमाधि में विलीन होने का समाचार जैसे यहाँ मिला सैकड़ो लोग कड़कड़ाती ठण्ड में आश्रम पहुंच गए। सभी ने उनके परिवार को इस अपार दु:ख को सहने की शक्ति प्रदान करने के लिए प्रार्थना की। केंद्र प्रभारी सर्वेश चंद्रा ने पार्थसारथी राजगोपालाचारी के अचानक शरीर छोड़ देने पर गहरा दु:ख व्यक्त किया, आश्रम प्रबंधक रविन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा, हमारे मालिक हम सबको समय से पहले छोड़ कर चले गए। उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए यहां से तमाम लोग हवाई जहाज से चेन्नई रवाना हो गए है।