रायपुरिया पुलिस द्वारा गत दिनों क्षैत्र में करीब एक दर्जन से ज्यादा छोटी बड़ी वारदातोें में लिप्त दो मुख्य आरोपी रायपुरिया पुलिस की लापरवाही से थाने के प्रधान आरक्षक के कक्ष से सोमवार-मंगलवार की रात्रि में करीब दो से चार बजे के बीच थाने से हथकड़ी सहित भाग गये। घटना की जानकारी सर्वप्रथम रात्रिकालीन गश्त से लौटे पुलिस जवानों ने थाना प्रभारी को दी।
आरोपियों का यहां रखा था |
पुलिस महकमें की मुखिया कृष्णावेणी देवासातु स्थिति का जायजा लेने साढेÞ छ: बजे रायपुरिया थाने पंहुची। गत दिनों ही पुलिस की लापरवाही के चलते इन्ही आरोपों में शामिल दो आरोपी भारू व प्रकाश जिला न्यायालय में पेशी के दौरान पुलिस को चकमा देकर भाग निकले थे, जिन्हें कुछ ही समय में पुलिस द्वारा घेराबंदी कर पकड़ लिया था। अब रायपुरिया थाने से फरार हुए बदमाशों के कारण पुलिस फिर निशाने पर आ गयी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के विभिन्न थानों में बड़ी बड़ी लुट को अंजाम दे चुके कांजी पिता कमजी और मुकेश पिता कालु को पुुलिस ने बड़ी मशक्कत करते हुए गत 12 दिसंबर को धर दबोचा था और अन्य अपराधों के संबंध में पूछताछ की जा रही थी। दूसरे ही दिन 13 तारीख को दोनों आरोपियों को जिला न्यायालय में पेश किया गया, जहां रायपुरिया पुलिस द्वारा 24 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर रखा गया था। सोमवार आधी रात बाद ये दोनों आरोपी ड्युटी पर तैनात पुलिसकर्मियों की लापरवाही का फायदा उठाकर थाने के पिछले हिस्से में बनी दीवार लांघ कर भाग निकले। पूरे मामले में सवाल उठ रहे है की हाथों में हथकड़ी व पैरो में बेड़ियो सहित अपराधी आखिर कैसे भाग निकलने में कामयाब हो गये। मंगलवार सुबह एसपी के बाद करीब आठ बजे एएसपी एसएस कनेश रायपुरिया पंहुचे और जिले के अतिरिक्त पुलिस बल, डॉग स्क्वायड आदी को रायपुरिया के आसपास खेतो व जंगलों मं सर्चिंग के लिए रवाना किया।
इस दिवार को लांघकर भागे बदमाश |
रायपुरिया थाने से दो आरोपियों के फरार होने के बाद शुरू से ही विवादों में रायपुरिया पुलिस पर इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिये है। गंभीर अपराधों में लिप्त आरोपियों को आखिर लॉक-अॅप में रखने की बजाय हेड मोहर्रिर वाले कक्ष जहां पुलिस रिकार्ड तथा कम्प्यूटर आॅपरेटर बैठता है, वहां रखने की क्या आवश्यकता थी, जबकि दोनों आरोपी करीब दस दिनों से रिमांड पर थे। इसी घटना में पहले पकड़े गये दो आरोपी प्रकाश व भारू समीप के ही लॉक-अप रूम थे तो फिर इन्हें बाहरी कक्ष में रखने की क्या जरूरत पड़ गयी। रात्रि में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा इनकी देखरेख को लेकर बिलकुल सतर्क नही थे, जिस कारण थाने में पीछे की और जाने वाले निकासी मार्ग पर चैनल गेट खुला पड़ा था जिस कारण आरोपियों को भागने में ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पड़ी। हद तो यह है कि दोनो आरोपियों के एक साथ एक-एक हाथ में तथा एक पैर हथकड़ी व बेड़ी लगे होने व एक अन्य सांकल से बंधे होने के बावजूद इसके वे हथकड़ी सहित थाने के पीछे की करीब दस फीट से उची दीवार को लांघ कर फरार हो गये। सुबह जब दीवार के बाहर देखा तो वहां दीवार के समीप ही खुन के गिरे होने के कुछ निशान दिखाई दिये जिससे संभवत: लग रहा है कि आरोपियों द्वारा दीवार कूदने में जख्मी हुए होंगें।