रेलिक रिपोर्टर, सीधी.
मप्र
की शिवराज सरकार उद्योगपतियों, माइनिंग माफिया से सांठ-गांठ करके अनवरत
उनके हित संबर्धन का कार्य कर रही है। इन्हे प्राकृतिक संसाधनों के लूट की
छूट, अधिकारियों कर्मचारियों को घूसखोरी की छूट प्रदेश सरकार द्वारा दी गई
है। मुख्यमंत्री द्वारा आम आवाम का हितैषी होने का भी ढ़ोंग किया जाता है।
लोगों की आंख मे धूल झोंकने के लिए दिखावे के लिए जन समस्यायों के समधान के
लिए कई तरीके बनाने का पाखण्ड किया जाता है जो होते हैं कभी मुख्यमंत्री
आन लाइन, कभी समाधान आनलाइन, कभी कलेक्टर जनसुनवाई, कभी सीएम हेल्प लाइन
आदि। वास्तविकता में यह सारे प्रयास दिखावा ही सिद्ध हुए हैं।
यह तीखा
बयान है टोको-रोको-ठोको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी का।
तिवारी नें सीएम हेल्प लाइन नं. 181 के बारे में कहा कि प्रदेश सरकार
सार्वजनिक खजानें से इसके प्रचार प्रसार में दीवाल लेखन, होर्डिंग, अखवार,
रेडियो, टीवी के विज्ञापन में रूपया पानी की तरह बहाया गया, लेकिन 181 में
शिकायत पर समाधान तो नहीं मिलता है। मैनें अलग अलग मुद्दों से संबंधित कई
शिकायतें दर्ज कराई, लेकिन किसी शिकायत में निराकरण नही मिला।
सीएम हेल्प लाइन, ढकोसला लाइन है- उमेश
दिसंबर 12, 2014
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