रेलिक रिपोर्टर, भिवानी.
हरियाणा
के भिवानी जिले के श्रीकृष्ण प्रणामी आश्रम में नाबालिग लड़की से सीनियर
साध्वी के समलैंगिक विवाह और सुहागरात के सनसनीखेज खुलासा होने के बाद भी
साध्वियों पर कार्रवाई को लेकर प्रशासन असमंजस की स्थिति में है। पीड़ित
लड़की के धारा 164 में कलमबंद बयान होने के सात दिन बाद भी एफआईआर में कोई
नई धारा नहीं जुड़ी है। पुलिस अभी तक वशीकरण का मामला ही मान कर चल रही है।
भिवानी के श्रीकृष्ण प्रणामी आश्रम में नाबालिब साध्वी से प्रेमविवाह
सीनियर साध्वी ने विवाह बाद आश्रम में ही बनाए समलैंगिक संबंध
सीनियर
साध्वी के साथ विवाह का दावा करने वाली नाबालिग ने जांच अधिकारियों को यह
बयान दिया था कि साध्वी ने शादी के लगभग दो माह बाद (13 दिसंबर 2013)
पारंपरिक तरीके से सुहागरात भी मनाई थी। इस दिन उसे लाल साड़ी पहनाई और
विवाह रचाने वाली साध्वी ने उसकी मांग में सिंदूर भरा। साध्वी ने यह दिन
इसलिए चुना, क्योंकि उसका (पीड़ित) परिवार खाटूश्यामजी धाम गया था। इस साल
दो जनवरी को आश्रम की मुख्य साध्वी ने अपने जन्म दिन पर उसका यौन उत्पीड़न
किया। जांच टीम के सामने पीड़ित लड़की से यह भी कहा कि विवाह रचाने वाली
साध्वी के साथ उसके भावनात्मक रिश्ते तो थे, लेकिन शादी और यौन संबंध उसकी
मर्जी के खिलाफ बनाए गए। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) के सदस्य शिखर
वर्मा ने इस बात की पुष्टि की है।
पीडिता की मां ने की बाल कल्याण समिमि में शिकायत
पिछले
महीने की 14 तारीख को पीड़ित लड़की की मां ने बाल कल्याण समिति को शिकायत
दी। शिकायत में आश्रम की साध्वी पर आरोप लगाया कि उसकी बेटी को बहलाकर
कालेज जाने से रोका जा रहा है। उस दिन समिति के लोग पीड़ित लड़की से मिले,
लेकिन लड़की ने साध्वी के पक्ष में बयान दिए। इसके बाद 17 नवंबर को समिति ने
लड़की को भिवानी बुलाया। तब लड़की ने पहली बार खुलासा किया कि साध्वी गले
लगाती थी और अपने बिस्तर पर सुलाती थी। इसके बाद 20 नवंबर को समिति ने एसपी
और डीसी को पत्र लिख कर जांच की मांग की। सात दिन बाद समिति ने दोनों
अफसरों को नोटिस भेजा। अगले दिन चरखी दादरी पुलिस ने मुख्य साध्वी कौशल
महाराज के खिलाफ (स्वतंत्रता भंग करने और जबरन कोई काम कराने के आरोप में)
मामला दर्ज किया। अगले दिन समिति और पीड़ित पक्ष द्वारा पुलिस की कार्रवाई
के प्रति नाराजगी जताने के बाद 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सक्षम पीड़ित लड़की
के बयान दर्ज हुए। लड़की ने जबरन समलैंगिक विवाह और यौन उत्पीड़न के आरोप
लगाए।
पोस्को के तहत मामला दर्ज कराने का बढ़ा दबाव
दो दिसंबर
को बाल कल्याण समिति और एनजीओ शिखर चेतना संगठन का प्रतिनिधिमंडल एडीजीपी
(क्राइम अगेंस्ट चिल्ड्रेन) डा. आरसी मिश्रा से मिला। एडीजीपी के निर्देश
पर एसपी भिवानी ने एसईटी गठित की। चार दिसंबर को लड़की और अगले दिन
साध्वियों से पुलिस ने पूछताछ की। लेकिन, लड़की के ब्यान के आधार पर पुलिस
ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
दूसरी ओर, बाल कल्याण समिति की बेंच
एक दिसंबर को आर्डर पास कर चुकी है कि पुलिस आरोपी साध्वी के खिलाफ भारतीय
दंड संहिता की धारा 377, 354 और पोस्को के तहत मामला दर्ज करे। जांच से
जुड़े शिखर चेतना संगठन के अध्यक्ष सुशील वर्मा ने कहा कि सात दिन पहले 164
के तहत बयान और समिति के आर्डर के बावजूद पुलिस ने साध्वी के खिलाफ मामला
दर्ज नहीं किया है।