रेलिक रिपोर्टर, सीधी.
जिला
एवं सत्र न्यायाधीश वीपीएस चौहान की सूझबूझ एवं संवेदनशीलता के कारण एक
परिवार टूटने से बच गया और वे प्रसन्नता पूर्वक न्यायालय परिसर से अपने घर
सुनहरे भविष्य का सपना लेकर गये। कुटेहा ग्राम के संजय का विवाह तीन वर्ष
पूर्व हुआ था।
लोक अदालत मे एक हुए सालों से बिछड़े मियां बीबी
इनके दो वर्ष की बेटी भी है। पति एवं पत्नी में आपसी मतभेद
होने के कारण नहीं पटी और पत्नी श्रद्धा ने पति संजय के विरूद्व घरेलू
हिंसा का प्रकरण वर्ष 2012 में न्यायाधीश संगीता यादव के यहां लगा दिया। दो
साल से पेशियां चलती रहीं। लेकिन जैसे ही जिला एवं सत्र न्यायाधीश चौहान
को इस प्रकरण के बारे में मालुम हुआ। उन्होने पति और पत्नी को अपने पास
बुलाया तथा परिवार के टूटने के नुकसान बताये। इस तरह से पत्नी श्रद्वा और
पति संजय को समझ में आ गया कि बेटी के साथ पति-पत्नी के अलग-अलग रहने मेंं
नुकसान ही है। यदि अपना और बेटी के सुुनहरे भविष्य का निर्माण करना है तो
पति-पत्नी को साथ-साथ ही रहना होगा। लोक अदालत में एक दूसरे को फिर से माला
पहनायी तथा खुशी-खुशी अपने घर वापस लौटे।
संजय के घर लौटी दाम्पत्य की खुशियां
दिसंबर 13, 2014
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