रेलिक रिपोर्टर, बेगमगंज.
रविवार की रात्रि करीब साढ़े नो बजे घने की चादर ने शहर को अपनी आगोश में ले लिया। अचानक कोहरा छाने से मार्ग सुनसान हो गए, लोग अपने अपने घरों की ओर निकल गए। वाहनों के आवागमन में असुविधा होने लगी दस फीट दूर का कुछ भी दिखाई नहीं देने के कारण वाहन चालकों ने अपने वाहन सड़क किनारे खड़े करने में ही खैरियत समझी। रात्रि करीब दो बजे कोहरा छटना शुरू हुआ तब कहीं जाकर आवागमन बहाल हो सका।
सोमवार की सुबह जब लोग सो कर उठे तो एक अलग नजारा सामने आया कि धुआं ही धुआं नजर आ रहा था। मौसम में इतनी अधिक ठंडक घुली हुई थी कि गर्म कपड़े पहनने के बावजूद हर कोई ठिठुर रहा था । सड़कों पर घना कोहरा पसरा होने के कारण वाहन चालको को सुबह के समय भी लाइटें जलाकर निकलना मजबूरी बन गया। 8 बजे के बाद कोहरा छटते ही आवाजाही पूर्व की भांती शुरू हो सकी।
सुबह के समय नपा के सफाईकामगारों को भी कोहरे के कारण परेशानी उठाना पड़ी जगह जगह कचरा उठाने के स्थान पर आग जलाकर तापना पड़ा कुछ गरम होने के बाद फिर से काम में जुटना उनकी मजबूरी बन गया। स्कूलों के बच्चे व कोचिंग के लिए जाने वाले विद्यार्थी गर्म कपड़े पहनने के बावजूद सर्दी में ठिठुरते कोचिंग सेंटरों तक पहुंचे।
किसान राजेन्द्रसिंह पटेल, अजहर पटेल, जोखीराम पटेल, शहजाद पटेल, इस्राईल खां, सूरजनारायण गुप्ता, नत्थूसिंह, देशराज तोमर, जय कुमार जैन ने बताया कि कोहरा छाने से जमकर ओस गिरी जिससे फसलों को फायदा है क्योंकिे अभी फसलें फूल पर नहीं आई है इसलिए कोहरे से पाला तुषार पढ़ने का कोई इमकान नहीं है और न ही फसलों को कोई नुकसान है।
वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जेपी तिवारी ने बताया कि ठंड के साथ ओस गिरना व मावठे की बारिश से फसलों को लाभ है। किसानों को एक पानी की बचत हो गई है। यह मावठा या ओस फसलों के लिए अमृत के समान है।
घने कोहरे ने वाहनों को रूकने पर किया मजबूर
दिसंबर 15, 2014
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