रेलिक रिपोर्टर, नानपुर/झाबुआ.
सनातन
धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्व पापहारी पवित्र और समस्त मनुष्य को भोग
तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता है। कृष्ण हिन्दू धर्म में विष्णु
के अवतार माने जाते हैं। कृ ष्ण साधारण व्यक्ति न होकर युग पुरुष थे।
कृ ष्ण जन्म के साथ ही गोकुलधाम बना कथा स्थल
उक्त
बात यहां चल रही भगवात कथा में पं. भारद्वाज ने कहे, वे यहां माली समाज की
युवा इकाई द्वारा आयोजित कथा के चौथे दिन कृष्ण जन्म प्रसंग पर बोल रहे
थे। आज की कथा में श्रीकृष्ण का जन्म महोत्सव होने से भारी संख्या में
श्रद्धालुु पहुंचे थे। पंडितजी ने कहा कि देवकी की आठवी संतान कृष्ण का
जन्म कारागार में भादो कृष्ण अष्टमी की आधी रात को हुआ था। जिस समय वे
प्रकट हुए आकाश गरज, बरस रहे थे और नन्हें शिशु कृष्ण का अवतार आया।
नंद घर
आनंद भयो जय हो गोपाल की की आवाज से समूचा पांडाल गूंज उठा। कृष्ण जन्म की
उद्घोषणा के साथ ही श्रद्धालुुओं में अपार उत्साह आ गया। हर कोई ढ़ोल, बाजे
के शोर में झूम उठा। महिलाओं ने भी जमकर माखन मिश्री लुटाकर पांडाल को
गोकुल धाम बना दिया, सभी ने चंदन, हल्दी के छापे लगाकर एक दुसरे को बधाइयाँ
दी। जन्म प्रसंग को जीवंत करने के लिए वासुदेव और देवकी का स्वांग रचा
गया। कृष्ण को टोकनी में बैठाकर जुलूस के रूप में कथा स्थल पर लाया गया वही
नंद बाबा अनिल माली बने थे। आयोजन समिति युवा माली समाज ने इस अवसर पर
विशेष प्रसाद का वितरण महाआरती के बाद कराया।
नगर हुआ कृ ष्णमय, जन्मोत्सव पर झूमें श्रोता
दिसंबर 25, 2014
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