रेलिक रिपोर्टर, नई दिल्ली.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक बार फिर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की है। पर भारत में अभी भी पेट्रोल की कीमतें कम नहीं हुई हैं। अंतरराट्रीय बाजार में भारतीय बॉस्टकेट के कच्चे तेल की कीमत सोमवार को 65.60 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गई है।
कच्चे तेल पर आयात शुल्क बढ़ाने से सरकार को होगी 10,500 करोड़ रुपए की आय
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत पेट्रोलियम नियोजन और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) की सूचना के अनुसार भारतीय बॉस्केट के लिए कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत 65.60 अमेरिकी डॉलर प्रति के स्तर पर पहुंच गई है। 5 दिसंबर को यह कीमत 66.98 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल थी।
जून 2014 और जुलाई 2014 के बीच में ब्रैंट क्रूड (आॅयल) की कीमत 105 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर थी। पर धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड आॅयल की कीमत कम होने लगी है। अगस्त 2014 से 8 दिसंबर 2015 तक कच्चे तेल की कीमतों में 40 फीसदी से भी ’यादा कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है।
सरकार को 10,500 करोड़ रुपए की आय का अनुमान
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखते हुए केंद्र सरकार ने दो बार एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी की है। देश के वित्त मंत्री अरूण जेटली ने राज्ससभा में बताया कि सरकार ने कच्चे तेल के आयात शुल्क में बढ़ोतरी की है। इससे सरकार को 10,500 करोड़ रुपए की आय होने का अनुमान है। पर अभी भी सरकार ने कच्चे तेल की कीमतों में कमी नहीं की है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रैंट क्रूड की कीमत 1 अगस्त 2014 को 103.45 डॉलर प्रति बैरल थी। 22 अगस्त को यह कीमत घटकर 100.99 डॉलर प्रति बैरल हो गई।
अक्टूबर 2014 में ब्रैंट क्रूड की कीमत 88.66 डॉलर, 3 नवंबर को यह कीमत 84.9 डॉलर, 27 नवंबर को 72.68 डॉलर और 28 नवंबर को यह कीमत घटकर 72.58 डॉलर प्रति बैरल हो गई। एक बैरल में 158.98 लीटर तेल होता है। वर्ष 2013-14 के आकड़ों के मुताबिक भारत प्रति दिन 385,000 बैरल तेल का आयात करता है।
रुपये के जरिए कच्चे तेल की कीमत 8 दिसंबर को घटकर 4062.61 रुपए प्रति बैरल हो गई, जबकि 5 को यह 4142.71 रुपये प्रति बैरल थी।