रेलिक रिपोर्टर, शाहजहांपुर.
विद्युत
कर्मचारी संघर्ष समिति के वैनर तले संविदा मजदूरों ने शोषण के खिलाफ आवाज
उठाते हुए अधीक्षण अभियंता विद्युत कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया और
तीन घंटे तक अधीक्षण अभियंता अपने आफिस में कैद रहे। बाद में उन्होने
प्रदर्शनकारियों की खुशामद की और ज्ञापन लेने के बाद ही वहां से जा सके।
विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के वैनर तले संविदा मजदूरों ने शोषण के खिलाफ प्रदर्शन
संविदा
कर्मियों की मांग थी कि उनको विभाग द्वारा वेतन का भुगतान किया जाए तथा
दुर्घटना में मौत या स्थायी विकलांगता पर विभाग द्वारा 10 लाख अनुग्रह राशि
दी जाए तथा इलाज का खर्च विभाग द्वारा किया जाए। वाद के दौरान निष्काषित
पनकी के संविदा श्रमिकों को काम पर वापस लिया जाए। संविदा कर्मचारियों को
रिक्त पड़े 60 हजार पदों पर समायोजित किया जाए। पावर हाउसों में कार्यरत
संविदा कर्मचारियों को बोनस का भुगतान किया जाए। अन्य संवर्गों की भांति
टाइमस्केल पदोन्नति दी जाए। कार्यालय सहायक तृतीय एवं टीजी-2 तथा समकक्ष को
26 सौ के स्थान पर तीन हजार ग्रेड पे दिया जाए। पेंशन का भुगतान ट्रेजरी
से किया जाए आदि समेत 25 मांगे थीं। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने कहा कि वह
पूरे दिन प्रदर्शन करने के बाद शाम को ज्ञापन देंगे। लेकिन अधीक्षण
अभियंता आरएस प्रसाद को कहीं जाना था। उन्होने अपनी गाड़ी निकलवाने की कोशिश
की तो प्रदर्शनकारियों ने गेट का रास्ता ही रोक लिया। जिसके कारण उन्हे
सुबह 11 बजे से दो बजे तक कार्यालय में ही कैद रहना पड़ा। बाद में दो बजे
उन्होने कार्यालय से बाहर आकर ज्ञापन लिया और प्रदर्शनकारी कर्मचारियों को
मनाया। इसके बाद कर्मचारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और मुख्यमंत्री को संबोधित
ज्ञापन डीएम को दिया। प्रदर्शन करने वालों में साबिर खां, तौहीद हसन, केके
खुराना, केके शर्मा, राम विलास, अजमत अली, खुर्शीद आलम, राजेश कुमार, फकीरे
लाल, सुखपाल, शिवनरेश, एनके सक्सेना, मोहम्मद रफी, विवेक कुमार, दीपक
श्रीवास्तव, अब्दुल कादिर समेत तमाम कर्मचारी मौजूद रहे।
संविदा विद्युत मजदूरों ने किया डीजीएम कार्यालय का घेराव
दिसंबर 20, 2014
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