रेलिक रिपोर्टर, भोपाल.
30 साल पुरानी टंकी में किए गए 300 होल और भरा गया 15 किलो बारुद। इसके बाद खतरे को आगाह करते पुलिस वाले और जोरदार एक के बाद एक धमाके। नतीजा महज ढाई सेकंड में ओवर हेड टैंक जमींदोज हो गया। हालांकि, इस दौरान टंकी की तली में लगा मधुमक्खियों का छत्ता भी नीचे आ गिरा और नाराज मधुमक्खियों के हमले से बचने के लिए भगदड़ मच गई।
60 फुट ऊंची टंकी को गिराने के लिए किए गए 200 होल
1985 में बनी टंकी को गिराने में लगा 15 किलो जिलेटिन
इंद्रपुरी स्थित भारत नगर में खतरनाक घोषित हो चुकी 30 साल पुरानी टंकी को विस्फोट विशेषज्ञ शरद सरवटे की अगुवाई में बुधवार को गिराया गया। इस दौरान किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए पुलिस ने जबर्दस्त घेराबंदी की रखी थी। वर्ष 1985 में बने 60 फीट ऊंचे डेढ़ लाख लीटर के इस टैंक को गिराने के लिए दो बार विस्फोट करना पड़े और करीब साढ़े पांच घंटे में 200 होल किए गए। सुबह 9.30 बजे से होल करना शुरु किए गए थे। होल में बारुद भरने के बाद पहला विस्फोट दोपहर 1.54 बजे और दूसरा शाम 3.19 बजे किया गया।
विशेषज्ञ का अंदाज गलत, तीन के बजाय दो विस्फोट में गिरी
टंकी को गिराने से पहले विस्फोट विशेषज्ञ शरद सरवटे ने कम से कम 3 विस्फोट करने का अनुमान लगाया था। इसी आधार पर मौके पर व्यवस्था संभाल रहे सीएसपी डीएस दयाल ने पुलिस बल को आसपास के मकान खाली करवाने और लोगों को दूर करने के निर्देश दिए थे। पहला विस्फोट होते ही आसपास के सभी रास्ते बंद करने के साथ ही सारे मकान खाली करवा दिए गए थे। इसके बाद सीएसपी ने शरद सरवटे से पूछा कि दूसरे विस्फोट में गिरने की कितनी उम्मीद है, तो उन्होंने कहा कि जीरों परसेंट। सरवटे ने समझाया कि, पहले विस्फोट में करीब 6 फीट चौंड़ा और तीन फीट होल हुआ है। दूसरे विस्फोट में उससे भी छोटा होल होगा। सरवटे के इस अनुमान पर सीएसपी और सक्रिय हो गए। उन्होंने मकान खाली करवाकर रास्ते बंद करवा दिए थे और बेखटके विस्फोट होते देखते रहे। इसके बाद जैसे ही विस्फोट होते ही टंकी नीचे आ गिरी तो सीएसपी का चेहरा गुस्से से लाल हो गया। संयोग से दूसरे विस्फोट के समय आस पास का इलाका खाली होने से कोई हादसा नहीं हुआ।
मधुमक्खियों ने भगाया भीड़ लगाने वाले तमाशबीनों को
ओवर हैड टैंक के नीचे मधुमक्खी का बड़ा छत्ता लगा हुआ था। पहले विस्फोट में कुछ मक्खी बाहर आईं, जिन्हें देखकर आसपास के लोगों को इन मक्खियों से बचने की चेतावनी दी गई। दूसरे विस्फोट में टंकी गिरने से छत्ता भी टैंक के साथ नीचे आया और चारों तरफ मक्खी फैल गईं। टैंक गिरने के बाद उसे देखने आ रही भीड़ को रोकने के लिए मशक्कत कर रही पुलिस का काम आसान हो गया। पूरे क्षेत्र में लोग इन मक्खियों से बचने के लिए इधर-उधर भागने लगे और मैदान साफ हो गया।
सार्इं बाबा नगर टंकी हादसे से सबक
गौरतलब होगा कि, वर्ष 2012 में साईं बाबा नगर की टंकी रात को भरभराकर गिरी थी, जिसमें 7 लोगों की जानें चली गई थी। इससे सबक लेते हुए शहरभर की टंकियों का सर्वे बिल्डिंग एंड रिसर्च सेंटर रुड़की के स्ट्रक्चर इंजीनियर बी कामेश्वर राव एवं उनकी टीम से करवाया गया था। इसमें जिन टंकियों को खतरनाक घोषित किया था, उनमें सोनागिरी बी सेक्टर और भारत नगर की टंकी भी शामिल थीं। बीते माह सोनागिरी की टंकी को गिराने के बाद बुधवार को भारत नगर की टंकी ढहाई गई। इसके बाद शाहजहांनाबाद और 1100 र्क्वाटर की टंकी भी गिराई जाएंगी।
खतरनाक घोषित 30 साल पुरानी टंकी को बारुद से ढ़हाया
दिसंबर 17, 2014
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