रेलिक रिपोर्टर, भोपाल/जयपुर.
सीआईडी के एआईजी (सहायक पुलिस महानिरीक्षक) अनिल मिश्रा के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने पद के दुरुपयोग का आपराधिक केस धारा 13-1 डी और 13-2 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज किया। लोकायुक्त की जांच में पता चला है कि, जयपुर निवासी महिला को मध्यप्रदेश, दिल्ली से लेकर राजस्थान के कई होटलों में दबाव ड़ालकर बुलाने के बाद एआईजी ने शारीरिक संबंध बनाएं। इसके साथ ही महिला के पति को जेल से निकालने के बदले साढे सत्रह लाख रुपए भी ऐंठे।
लंबी जांच के बाद लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना ने किया केस दर्ज
ईव मिरेकल्स का कर्ताधर्ता शिवराज शर्मा पहले से ही है भोपाल जेल में
उप पुलिस अधीक्षक साधना सिंह (लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना, भोपाल) ने इस मामले की जांच की। इसके बाद शुक्रवार को एफआईआर दर्ज की गई। रिपोर्ट के अनुसार, शिकायतकर्ता महिला श्रीमती ज्वाला शर्मा (परिवर्तित नाम), उम्र 40 साल, निवासी जयपुर, राजस्थान के अनुसार उसके पति शिवराज शर्मा की ईव मिलेकल्स कंपनी थी, जोकि चेन स्कीम के जरिए पैसे जमा कराकर ब्याज के साथ वापस करती थी। या फिर 23 हजार रुपए के शेयर के बदले सोना खरीदकर देती थी। बाद में 12 स्टेज पार करने वाले को 26 लाख रुपए मिलने का गणित समझाया जाता था। इस कंपनी में कई पुलिस वाले भी सदस्य बने और सैकड़ो लोंगों को चेन सिस्टम से जोड़ा गया।
सीहोर में इस कंपनी के कार्यालय से गड़बड़ी के बाद नसरुल्लागंज पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद धारा 420 ताहि में केस कायम करके कंपनी के कर्ताधर्ता शिवराज शर्मा को भोपाल जेल भेज दिया। बाद में एसटीएफ ने भी एक अन्य व्यक्ति की रिपोर्ट पर से एक और धोखाधड़ी का केस कायम कर लिया। खास यही कि, इससे पहले राजस्थान पुलिस भी शिवराज शर्मा के खिलाफ धोखाधडी का केस कायम किया था, जिसमें राजस्थान हाईकोर्ट के समक्ष शर्मा ने सारे अंशधारकों को मूल राशि वापस करने का भरोसा दिलाया था।
एआईजी ने धमकाया और खातों में जमा कराए लाखों
ज्वाला शर्मा अपने पति के गिरफ्तार होने के बाद जमानत के लिए भटक रही थी, तब एआईजी मिश्रा से मुलाकात हुई। मिश्रा भी पहले से ही शर्मा को जानते थे और उसके कार्यक्रमों में बतौर अतिथि शामिल भी हो चुके थे। पहले तो मिश्रा ने ज्वाला को बहलाया और शारीरिक संबंध बनाने का प्रस्ताव रखा, महिला के नहीं मानने पर धमकाया। एआईजी मिश्रा ने यह प्रस्ताव दिया कि अगर महिला उसकी बात मान ले तो उसके पति के खिलाफ और ज्यादा मुकदमे कायम नहीं किए जाएंगे, पति को जेल में सुविधाएं मिलेंगी एवं मामला खत्म करवाने में सहयोग भी करेगा। इसके बदले मिश्रा ने ज्वाला को भोपाल की पुलिस मेस में कई बार ठहराया और कई जगह घुमाने भी ले गया। इसके साथ ही अलग अलग दिनांकों में 17 लाख 50 हजार रुपए कई बैंक खातों में जमा करवा कर लिए। यह खाते उन बिल्डरों के थे, जिनके साथ मिश्रा के कारोबारी संबंध थे। इसके साथ ही ज्योति का दैहिक शोषण भी किया।
बलात्कार की एफआईआर होने के बाद फरार है एआईजी
खास यही कि, एआईजी मिश्रा पहले ही पद के दुरुपयोग के मामले में सस्पेंड हो चुके हैं, क्योंकि उनके खिलाफ जयपुर पुलिस ने भी ज्वाला शर्मा से बलात्कार के अपराध में एफआईआर दर्ज कर रखी हैं। इस एफआईआर के बाद विभागीय जांच हुई और सस्पेंड कर दिया गया है। तभी से गिरफ्तारी से बचने के लिए मिश्रा फरार है।