इस्लामिक स्टेट बनाने के लिए मुंबई से फरार होने वाले चार मुस्लिम जवानों में से चौथा और आखिरी आरिफ मजीद भी वापस लौट आया है, जिसको मुंबई एयरपोर्ट पर महाराष्ट्र एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरु कर दी।
आरिफ मजीद |
सीरिया और तुर्की की लड़ाई से पहले 15 दिन की ट्रेनिंग भी दी गई
आरिफ अपने तीन मुस्लिम दोस्तों के साथ घर से आईएस में शामिल होने इराक पहुंचा था। अगस्त महीने में एक शख्स ने आरिफ के परिवार वालों से फोन पर कहा था कि वह मारा गया। इसके बाद मजीद का फोन आया। उसने कहा कि वह अपने तीनों दोस्तों के साथ जिंदा है। बाकी तीन युवक थाणे जिले से हैं। इन्होंने मई के आखिरी हफ्ते में आईएसआईएस को ज्वाइन किया था। ये तीनों हैं- अमन टंडेल, फहाद शेख, शाहिम टंकी।
अमन टंडेल, फहाद शेख, शाहिम टंकी |
आरिफ मजीद |
इस मामले में खास यही कि, अभी तक आरिफ के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। जांचकर्ता पहले यह जानना चाह रहे हैं कि वह इराक जाने में कैसे कामयाब रहा। इसने फरार होने की योजना कैसे बनाई? क्या इसके पास जून में अगवा हुए 40 मजदूरों के बारे में कोई डिटेल है? मई में मजीद और उसके तीनों दोस्तों ने इराक जाने से पहले कहा था कि वे सऊदी अरबिया तीर्थाटन पर जा रहे हैं। बाद में पता चला कि इन्होंने आईएस ज्वाइन कर लिया है। खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि इनकी आईएस में नियुक्ति इंटरनेट के जरिए हुई। आरिफ के बारे में पहले खबर आई थी कि वह हवाई हमले में मारा गया। लेकिन वह जिंदा था और उसने अपने पिता डॉक्टर इजाज अहमद को 20 नवंबर को कॉल किया था। उसने अपने पिता से तुर्की से वापस आने में मदद मांगी थी। 25 नवंबर को आरिफ के पिता इजाज ने एनआईए को इस मामले में सूचना दी थी। उन्होंने एनआईए को बताया था, आरिफ ने फोन पर कहा कि तुर्की से फरार होने से पहले उसने तीन महीने तक आईएसआईएस के लिए काम किया। इजाज ने अपने बेटे को इंडिया वापस लाने के लिए एनआईए से मदद मांगी थी।