रेलिक रिपोर्टर, शाहजहांपुर.
जिस व्यक्ति को अपने संविधान अथवा विधिक जानकारी न हो वह व्यक्ति आदर्श नागरिक नही हो सकता है। जनपद एवं सत्र न्यायाधीश इफाकत अली खां ने यह विचार स्वामी शुकदेवानन्द स्थित विधि संकाय के सभागार में विधि दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोेजित विधिक साक्षरता शिविर में व्यक्त किये। उन्होने कहा कि आज के ही दिन 26 नवम्बर 1949 में देश की संविधान सभा ने देश के संविधान को स्वीकार किया था।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोेजित विधिक साक्षरता शिविर में बोले जिला न्यायाधीश इफाकत अली
इस अवसर पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शैलेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि किसी भी कार्यशाला में भाग लेना ही नही पर्याप्त नहीं होता है, बल्कि उसके महत्व एवं शिक्षा को आचरण में भी उतारना चाहिए।
सिविल जज सीनियर डिवीजन एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विष्णु चन्द वैश्य ने बताया कि आगामी 6 दिसम्बर 2014 को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार रार्ष्टीय मेगा लोक अदालत सभी न्यायालयों में एक साथ लगायी जायेगी। जिसमें आपसी सुलह समझौते के आधार मामलों को निस्तारित किया जायेगा। शिविर को समाज सेवी डा. ओरी लाल, अधिवक्ता बृजेश चन्द्र मिश्र, उमेश चन्द्र सिंह आदि ने भी संबोधित किया।
आदर्श नागरिक को होती अपने संविधान की जानकारी
नवंबर 26, 2014
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