डान को ढूंढना नामुमकिन है.....वाला डायलाग अब बदलकर कहे सुने जाने की जरुरत है। जल्द ही डान दाउद इब्राहिम या तो भारतीय एजेंसियों के कब्जे में होगा या फिर ओसामा बिन लादेन की तरह अपनी डेन में मारा जाएगा।
दाउद का फ्रेंचकट वाला हालिया फोटो सहित नए ठिकाने की जानकारी मिली
मोदी-ओबामा के बीच हुए समझौते में अलकायदा से लेकर दाउद तक शामिल
दरअसल, दाउद को लेकर भारत को अमेरिका से अब हर तरह की मदद मिल रही है। सितंबर में मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान मोदी-ओबामा समझौते में ग्लोबल आतंकी सूची में अल कायदा जैसे संगठनो के साथ दाउद की डी कंपनी को भी शामिल कर लिया गया था। समझा जाता है कि अमेरिका दाउद पर भारत की चिंताओं को लेकर बहुत संजीदा है और उसे वो इंटरनेशनल टेरेरिस्ट की लिस्ट में रखता है । इसी वजह से दाउद को ट्रैक करने में भारत को अमेरिकी गुप्तचर एजेंसी एफबीआई की काफी मदद मिल रही है।
समय सीमा नहीं, लेकिन दाउद की गिरफ्तारी होकर रहेगी
वैसे भी बीते दिन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दाउद की गिरफ्तारी को लेकर जो बयान दिया है और लोकेशन की जो बात बताई है उसके बारे में सरकार को अगस्त के महीने में ही जानकारी हो गई थी। दाउद लगातार अपने ठिकाने बदल रहा है लेकिन सूत्र कहते हैं कि पिछले 21 सालों में भारतीय एजेंसियां उसे पकड़ने के इतने करीब कभी नहीं आ पाईं थीं जितना की अभी आसार बन गए हैं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह कहते हैं कि पकड़ने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती लेकिन ये तय है कि दाउद को पकड़ने में सफलता जरूर मिलेगी।
हाल तक भारतीय रिकार्ड में दाउद की आखिरी तस्वीर तब की थी जब वो 37 साल का था और क्रिकेट पर सटटा लगाने के साथ ही मंदाकिनी को लेकर घूमता रहता था। अब 58 साल की फ्रेंच कट दाढ़ी वाले अधेड़ दाउद इब्राहिम की ताजा तस्वीर भारतीय एजेंसियों के पास इस जानकारी के साथ पहुंच गई थी कि वो अफगानिस्तान-पाकिस्तान बार्डर पर वजीरिस्तान के कबाइली इलाके में छुपा हुआ है। करांची से यहां वो मई के महीने के बाद आया है। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि, दाउद और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को डर है कि मोदी सरकार अमेरिका की मदद से कुछ वैसे ही आपरेशन को अंजाम दे सकती है,जैसा कि ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए एबटाबाद में नेवी सील ने किया था। अब दाउद के दो ताजा विडियो भी एजेंसियों के पास पहुंच गए हैं, जिससे मिशन दाउद में लगे भारतीय आपरेटिव्स के लिए दाउद की पहचान आसान होने के साथ ही दाउद का छुपना मुश्किल होता जा रहा है। इन्हीं सब वजहों से आईएसआई चाहती है कि दाउद भारत की सरहद से दूर रहे और इसीलिए आईएसआई की ताजा मुहिम ये है कि दाउद को थाईलैंड या केन्या में शिफ्ट कर दिया जाए।
डी कंपनी का नेटवर्क खात्मा और फोन काल तक इंटरसेप्ट
डान को सबसे बड़ा झटका यही है कि उसका नेटवर्क का खात्मा। मोदी सरकार के मिशन दाउद के तहत जिस दूसरे प्लान को अंजाम दिया गया है वो है दाउद के नेटवर्क का खात्मा ही है। नतीजे में मुंबई में अब दाउद के लिए आपरेट करना आसान नहीं, नेपाल में डी कंपनी ध्वस्त कर दी गई है और श्रीलंका में भी दाउद के ड्रग्स और जाली नोट के कारोबार को पूरी तरह कमजोर कर दिया गया है। दुबई सहित इन सभी देशों के साथ भारतीय एजेंसियां दाउद पर केंद्रित एक मजबूत संपर्क तंत्र बना चुकी हैं जिससे दाउद पर भारत को पुख्ता जानकारियां आसानी और तेजी से मिल रही हैं। गौरतलब होगा कि, जुलाई में दाउद के कुछ फोन काल इंटरसेप्ट किए गए थे, जिसमें कालर टयून में एक पुराने हिंदी गाने का रिंगटोन था। आएसआई ने पूर्व में उसे यूएई या बांग्लादेश भी शिफ्ट करने की योजना बनाई थी, जो इन देशों में इंटरपोल की सक्रियता को देखते हुए आखिर में ड्राप कर दी गई थी।