रेलिक रिपोर्टर, बेगमगंज.
विवादों
को हमेशा के लिए सुलझाने का महत्वपूर्ण तरीका समझौता है। समझौते से दिलों
की दूरिया मिटती है और वर्षो के दुश्मन दोस्त बन जाते है। सरकार भी यही
चाहती है कि लोग अपने आपसी विवादों का निपटारा लोक अदालतों के माध्यम से
करें, जिसमें कई प्रकार के प्रकरण शामिल किए जा सकते है।
यह
समझाइश न्यायालय परिसर में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में अपर जिला
न्यायाधीश कमल जोशी ने देते हुए 6 दिसम्बर को आयोजित होने वाली नेशनल लोक
अदालत में अधिक संख्या में मामलों का निपटारा कराने के लिए लोगों को राजी
करने के लिए प्रेरित किया। शिविर में स्टेट बैंक के एसएस जाटव ने बैंक ऋण
संबधित मामलों के संबंध में डिफालटरों के मामले निपटाने के तरीके व बैंक
द्वारा दिए जाने ऋण के बारे में बताया। व्यवहार न्यायाधीश सपना पोर्ते ने
संचालन करते हुए कानून की जानकारी दी।
शिविर में एसबीआई मैनेजर रवि मरमंडा, सेंट्रलबैंक, ग्रामीण बैंक, दूर
संचार विभाग सहित वरिष्ठ अभिभाषक रमेश प्रसाद सोनी, मूरत सिंह, डीपी चौबे,
ओपी त्रिवेदी, राजेन्द्र जैन, राजकुमार गुप्ता, अरविंद श्रीवास्तव,
राजेन्द्र मुखरैया, शरीफ मंसूरी सहित अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी नगर
के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
न्यायाधीश ने कहा ‘समझौते से मिटती हैं दिल की दूरियां’
नवंबर 01, 2014
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