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घेराबंदी से बचने शिकारियों ने किया वन अमले पर फायर

रविन्द्र सिंह, बैरसिया/भोपाल.

शिकार की टोह में बैरसिया के जंगलों में घूम रहे जीप सवार पांच शिकारियों को आमने सामने की भिड़ंत के बाद वन अमले ने धर पकडा। हालांकि, इस दौरान घेराबंदी से बचने के लिए शिकारियों ने राइफल से फायर भी कर दिया। इसमें एक वनरक्षक सहित दो शिकारियों को चोंटे आई हैं। पांचों शिकारी भोपाल के हैं, जो कथित तौर पर खरीदी गई जमीन की देखभाल के लिए गए थे और रात को सर्चलाइट के सहारे जीप में सवार होकर शिकार करने वाले थे। 


 घायल शिकारी नवेद और आजम
घायल शिकारी नवेद और आजम
बैरसिया में रात को भिड़ंत के बाद पकड़ाए पांच शिकारी

जीप, सर्चलाइट, राइफल और चार चाकू सहित पकड़ाए


दरअसल बैरसिया के जंगलों से सागौन की कटाई करके राजस्थान तस्करी के जरिए भेजने के साथ ही वन्य प्राणियों एवं राष्ट्रीय पक्षी मोर का बडे पैमाने पर अवैध शिकार हो रहा है। ऐसे में गांववालों ने मोर्चा खोल दिया है और जीप में बंदूकों के साथ रात को जंगलों में शिकारियों के घूमने की मुखबिरी वन विभाग को करते हैं। इसी के चलते शनिवार और रविवार की दरमियानी रात को बैरसिया के जंगलों में जीप सवार शिकारियों के घूमने की सूचना वन विभाग को मिलते ही रेंजर संतकुमार संत की अगुवाई में वन अमले ने घेराबंदी की। गांव करैया के पास एक जीप दिखाई दी, जिसमें सर्चलाईट लगाकर शिकारी पेड़ों पर मोरों के साथ ही जमीन पर वन्य प्राणियों की खोज में थे। वन अमले ने घेराबंदी करके ललकारा तो शिकारियों ने गाड़ी रोकने के बजाय भागने की कोशिश की लेकिन वन अमले के घेरने और पकड़ने की कोशिश में राइफल से फायर भी कर दिया। इससे वन कर्मी बाल-बाल बचे। इसके बाद झूमा झटकी शुरु हो गई और पांच शिकारियों को वन अमले ने दबोच लिया। इसमें एक वन रक्षक सहित दो शिकारियों को चोटें आर्इं। 


भोपाल के हैं जीप सवार पांचों शिकारी
पकड़ाए शिकारी आजम और उसके पिता मोहम्मद अहमद, नवेद और उसके पिता प्यारे मियां तथा आलम हफीज हैं। जोकि, भानपुर और शाहजहांनाबाद इलाके के रहने वाले हैं। इनमें से नवेद की महेंद्रा जीप है, जिसका इंजन नया और चौडे टायर हैं, जिससे जंगलों में भी तेज गति से बिना रुके भाग सकती है। जब्त की गई राइफल के साथ ही 6 जिन्दा कारतूस, हलाल करने के काम आने वाले चार बडे चाकू खून लगे, एक लकड़ी का गुटका खून लगा, रस्सी आदि जब्त किए गए हैं। 


शिकारियों ने लगाया मारपीट का आरोप
शिकारी आजम और नवेद ने आरोप लगाया है कि, वह तो जमीन खरीदने के बाद गए थे और खेत पर ही सो रहे थे कि, अचानक वन अमले ने हमला बोल दिया और मारपीट की। छोड़ने के लिए पांच लाख मांगे थे। हालांकि, जमीन सौदे के तहत अभी तक पैसे का लेनदेन नहीं हो पाने से रजिस्ट्री आदि नहीं हो सकी है। इन घायलों को पहले बैरसिया अस्पताल लाया गया था, जहां से भोपाल रेफर करने के बाद हमीदिया अस्पताल में इलाज किया गया। 


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जीप में लगी सर्च लाइट से ढूंढ़ रहे थे शिकार
गांव वालों की मुखबिरी के बाद दबिश देने पर सर्चलाइट से शिकार ढूंढते मिले। जमीन खरीदने का कोई प्रमाण नहीं है, पांचों शिकारी जीप में रात को राइफल लेकर घूम रहे थे और वन अमले पर फायर भी किया। पकडे जाने के बाद वन अमले पर बोगस इल्जाम लगा रहे हैं, ताकि दबाव बनाकर बच सकें।
संत कुमार संत, वन परिक्षेत्राधिकारी, बैरसिया

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