रेलिक रिपोर्टर, भोपाल.
बीएसएनएल कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल के चलते बीएसएनएल कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा। दोपहर तक पहुंचने वाले इक्का दुक्का कस्टमर को हड़ताल का पता चलने पर लौट गए और दोपहर बाद तो कमोबेश सनाटा ही रहा। दूसरी ओर, हड़ताली कर्मचारियों ने टीटी नगर स्थित बीएसएनएल महाप्रबंधक कार्यालय के सामने टेंट तानकर दिनभर नारेबाजी की और कामकाज ठप कर दिया।
बीएसएनएल के कार्यालयों में दिनभर छाया रहा सन्नाटा
ज्वाइंट एक्शन कमेटी के आव्हान पर देशव्यापी हड़ताल
बीएसएनएल को बचाने, निजीकरण रोकने सहित लंबित 30 सूत्री मांगों को पूरा कराने के लिए बीएसएनएल कर्मचारी मोर्चा (नॉन एक्जीक्यूटिव की यूनियनों और एसोसिएशनों की संयुक्त कार्रवाई कमेटी) के कन्वीनर सलामत अली और महेश रायकवार की अगुवाई में महाप्रबंधक कार्यालय के सामने धरना देकर दिनभर नारेबाजी की गई। धरने को संबोधित करने वालों में एफएनटीटीओ के एसए आगा, आसिफ खान, बैकवर्ड क्लास से डीके दाडंगे, बीएसएनएलयू जिलाध्यक्ष राशिद अली, महेश रायकवार, बाबा मुंजेवार, एके जैन, एमके उइके, गयास अहमद, राजा परिहार, ज्ञान भास्कर, टीसी गोयल, गिरजा पिल्लई, महिमा यादव, आरसी ढोके, एमके शुक्ला, ओम श्रीवास्तव, बीएम पुवार, शहाबुद्दीन, अख्तर हुसैन, राजीव परिहार, रामदीन धुर्वे, राजू रायकवार, एनएल शाक्या और मुजफ्फर अहमद सहित सैकड़ों कर्मचारी थे। कर्मचारियों ने मांगों के बारे में बताया कि 30 सूत्री मांगों में आरएम (रेगुलर मजदूर) के वेतन ठहराव यानि स्टेगनेशन को खत्म किया जाए। इसके साथ ही एक तो पदनाम बदलकर सम्मानित किया जाए, दूसरे प्रमोशन मिलने के साथ ही वेतन में बढ़ोतरी भी की जाए। नान एक्जीक्यूटिव प्रमोशन पॉलिसी को सही करके लागू किया जाए। पीएलआई, एलटीसी और मेडिकल भत्ता को फिर से बहाल किया जाना चाहिए। ई-1 वेतनमान और 30 प्रतिशत रिटायरमेंट लाभ दिया जाए। उन्होंने एससी-एसटी कर्मचारियों को पूर्व की भांति क्वॉलीफाइंग मॉर्क्स में मिलने वाली छूट बहाल करने की मांग की। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर तबादलों में फेरबदल नहीं करने और सालों से एक ही बिल्डिंग में जमे रहने वालों को तत्काल हटाने की मांग भी की गई।
एनएफटीई एनवक्त पर पीछे हटा
ज्वाइंट एक्शन कमेटी में शामिल होने के बाद भी एनएफटीई एनवक्त पर हड़ताल से पीछे हट गया। इसको लेकर कर्मचारियों में जबर्दस्त आक्रोश था। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि एनएफटीई के चंद नेताओं की प्रबंधन से मिलीभगत के चलते कर्मचारी हितों की बलि चढ़ाकर निजी स्वार्थसिद्धी की जा रही है। हालांकि, इसके बाद भी हड़ताल कामयाब रही और कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा।
न बिल जमा, न ब्राडबैंड कनेक्शन
हड़ताल के नतीजे में भोपाल जिले के समस्त उपभोक्ता सेवा केंद्र पूरी तरह से बंद रहे। नतीजे में उपभोक्ताओं को टेलीफोन बिल जमा करने, ब्रांडबैंड कनेक्शन, नया सिम कनेक्शन, रीचार्ज आदि के लिए भटकना पड़ा। हालांकि, हड़ताल के मद्देनजर सारे अधिकारी मुस्तैद रहे और नेटवर्किंग को सुचारु बनाए रखा। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को हड़ताल की जानकारी देकर कल आने का कहकर वापस किया जाता रहा।
और हड़ताल से थम गई देश की धड़कन
नवंबर 27, 2014
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