शहरी मतदाता, कार्यकर्ता कम और ग्रामीण से आए 60 प्रतिशत से ज्यादा कार्यकर्ताओं की एक हजारी आमसभा लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा प्रत्याशी की पतली हालत को सुधारने की नाकाम कोशिश की थी।
गायत्री साहू भाजपा प्रत्याशी |
सही प्रत्याशी चयन नहीं होने से गुटबाजी में बंटे भाजपाईयों ने रजाई तानी
बावजूद भाजपा नेताओं की सुस्ती अभी तक नहीं टूटी जो अपने अपने काम धंधों में मशगूल होकर नगरीय निकाय चुनाव से दूर बने हुए है।
इधर भाजपा प्रत्याशी गायत्री साहू को किराए की महिलाओं से काम चलाना पड़ रहा है। उनके पति और परिवारजन अकेले अपने स्तर पर प्रचार में जुटे हुए है।
अगर शोभा सोनी होती तो पड़ती भारी
भाजपा के टिकिट की प्रबल दावेदारों में श्रीमति शोभा राकेश सोनी को कई कार्यकर्ताओं और भाजपा नेताओं ने भारी बताते हुए कहा कि साहू से ज्यादा पकड़ और वजनदारी सोनी परिवार की होती। उनका मानना है कि यदि आज शोभा सोनी प्रत्याशी होती तो स्थिती कुछ ओर होती। शोभा सोनी के ससुर रामलाल सोनी 6 साल तक भाजपा मंडल अध्यक्ष रहे हैं और सभी की सहायता सेवा की, जिसका लाभ उन्हें निश्चित तौर पर मिलता।
नन्ही बाई जाट स्वतंत्र प्रत्याशी |
भाजपा के कद्दावर नेता मलखानसिंह जाट की भी भाजपा ने उपेक्षा कर दी तो उन्हाने स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में अपनी पत्नी नन्ही बाई जाट को मैदान में उतारकर सभी के समीकरण बदल दिए है। एक ओर भाजपा प्रत्याशी गायत्री साहू को खासी मशक्कत करना पड़ रही है। वही कांग्रेस प्रत्याशी कीर्ती यादव बिखरे हुए कांग्रेसी कुनबे को अभी तक समेटने में लगी हुई है। उनके प्रचार की कमान पूर्व विधायक देवेन्द्र पटेल ने शनिवार से संभालते हुए दो वार्डो में जनसंपर्क किया, लेकिन कांग्रेस का थोक वोट बैंक अल्पसंख्यक वर्ग ने स्वतंत्र प्रत्याशी नन्ही बाई जाट को खुला समर्थन देकर सारे चुनावी समीकरण बिगाड़ दिए है। जाट परिवार से एक पार्षद पद पर राजेन्द्र सिंह जाट पहले ही मात्र एक नाम निर्देशन होने से निर्विरोध निर्वाचित हो चुके है। नन्हीबाई जाट को भाजपा कांग्रेस सहित सभी वर्गो के कई प्रभावशाली नेताओं का समर्थन मिल रहा है, जिससे वो अपनी स्थिती मजबूत मानकर चल रहे है। वहीं भाजपा एवं कांग्रेस प्रत्याशियों सहित अल्पसंख्यक वर्ग से खड़ी स्वतंत्र प्रत्याशी चांदनी नफीस गौरयान भी दौड़ में शामिल होन के लिए मशक्कत कर रही है।
कीर्ती यादव कांंग्रेस प्रत्याशी |
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आमसभा से भाजपाईयों में उत्साह नहीं आने और अपने अपने घर बैठने से भाजपा प्रत्याशी गायत्री साहू भारी मुश्किल दौर से गुजर रहीं है। अपने नेताओं, कार्यकर्ताओं को सक्रिय कराने में अब तक असफल रहे नेताओं ने अब क्षेत्रीय सांसद और केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमास्वराज को लाने की ठान ली है। भाजपा ऐन केन प्रकारेण किसी भी कीमत पर नपाध्यक्ष पद पर पार्टी को सफल बनाना चाह रही है, जिसको लेकर हर तरह की जोड़ तोड़ होने लगी है। रूठों को मनाने में भाजपा कांग्रेस दोनों पार्टियों के दिग्गज जुट गए है।