भाई इंद्रेश कुमार |
इंद्रेश कुमार और राम माधव जुटे रणनीति बनाने में
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर भी आएंगे
इस बार जम्मू और कश्मीर में पहली बार हिन्दू मुख्यमंत्री के नारे के साथ भाजपा उतरने की रणनीति बना रही है। इसके लिए मुस्लिम विरोधी के तौर पर प्रचारित होने के बावजूद आरएसएस ही परदे के पीछे से तैयारी में जुटा है। सर्वाधिक जोर इस बात पर है कि, घाटी के मुस्लिम बहुल इलाकों में नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के पक्ष में वोटों का घु्रवीकरण नहीं होने दिया जाए। संघ परिवार कश्मीर घाटी में भाजपा के लिए मुस्लिम मतों का जुगाड़ करने में जुटा है। इस काम में संघ के प्रकल्प राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक भाई इंद्रेश कुमार के साथ-साथ हाल ही में संघ से भाजपा में आए राम माधव को लगाया गया है। माना जा रहा है कि जम्मू कश्मीर में लंबे समय से प्रचार रहने के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री बनने वाले मनोहरलाल खट्टर को भी बाद में उतारा जाएगा।
राजनीतिक हलको में गर्माहट है कि, भाजपा ने घाटी की 46 सीटों पर रणनीति बनाने का जिम्मा संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार और राम माधव को सौंपी है। यह दोनों ही घाटी में कुछ संगठनों और मुस्लिम युवकों को अनुच्छेद 370 के खिलाफ आवाज बुलंद करने और भारत के पक्ष में एकीकृत कश्मीर की मांग करने के लिए एकजुट करने का प्रयास करते रहे हैं। घाटी में भाजपा के मिशन 44 को अमली जामा पहनाने के लिए इन दोनों ने घाटी की डेढ़ दर्जन सीटें चिन्हित की है। इनमें से आधी सीटों पर भाजपा अपने दम पर जोर-आजमाइश करेगी, जबकि अन्य आधी सीटों पर उन उम्मीदवारों को जिताएगी, जो चुनाव बाद जरूरत पड़ने पर पार्टी के पक्ष में विधानसभा में वोट करेंगे।
राम माधव |
भाजपा जम्मू और लद्दाख संभाग की 41 सीटों पर बेहतर प्रदर्शन को लेकर भाजपा को भरोसा है कि हिन्दू सीएम और मोदी के चेहरे के सहारे एकतरफा जीत होगी। इसी आधार पर भाजपा अब घाटी में भी अपनी ताकत और रणनीतिक कामयाबी दिखाने की तैयारी में जुटी है। पार्टी का मानना है कि अगर घाटी में संघ की रणनीति और सहायता से पार्टी अपने और कुछ समर्थक उम्मीदवारों की सीट निकाल लेगी तो आसानी से बिना पीडीपी और एनसी के सरकार बना सकेगी। खास यह है कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के मुखिया हकीम मोहम्मन यासीन, पीपुल्स कांफ्रेस के मुखिया सज्जाद लोन की भाजपा से नजदीकी कराने में इन्हीं दो नेताओं ने अहम भूमिका निभाई है। इसी के चलते भाजपा ने भी घाटी में उम्मीदवार तय करने में इन्हीं दो नेताओं को सर्वाधिक अहमियत दी है।