मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ की जिला शाखा ने राजस्व मंत्री को ज्ञापन सौंपकर केन्द्र सरकार द्वारा आर्मी को दी जाने वाली चिकित्सा सुरक्षा योजना प्रदेश में कार्यरत शासकीय, अर्द्धशासकीय, दैनिक वेतनभोगी, एनजीओ के संविदा कर्मचारियों सहित पेंशनर्स के लिए लागू करने की मांग की है।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने राजस्व मंत्री को ज्ञापन सौंपा
मध्यप्रदेश में करीब दस लाख से अधिक कर्मचारियों को चाहिए चिकित्सा
ज्ञापन में कहा गया है कि ऐसे कर्मचारियों की संख्या प्रदेश में करीब दस लाख से भी अधिक है एवं दो लाख के करीब पेंशनर्स है, जिनके परिवार में गंभीर बीमारी होने पर उनके पास ऐसी कोई सुविधा नहीं है कि वे तत्काल उक्त बीमारी का उपचार करवा सकें। मजबूरी में कर्ज लेकर उपचार करवाते है और अपनी पूरी सेवाकाल में लिए गए कर्ज को मय ब्याज के लौटाते लौटाते रिटायर्ड हो जाते है। केन्द्र सरकार द्वारा आर्मी में नौकरी कर रहे अथवा पेंशनर्स से एक मुश्त एक बार ढाई या तीन हजार रूपए परिवार के प्रत्येक सदस्य के मान से एक बार जमा करवाती है और उनके परिवार में किसी को भी गंभीर बीमारी होने पर उसका भुगतान उस अस्पताल को करती है जहां उपचार चल रहा है। इसके लिए शासन की ओर से एक मेडीकल कार्ड बनाकर कर्मचारी या पेंशनर्स को दिया जाता है, जिसके आधार पर वह किसी भी अस्पताल में उपचार करवा सकता है। शासन को इसमें अपनी ओर से कोई राशि नहीं देना पड़ती। कर्मचारियों के द्वारा दी गई राशि करोड़ों में पहुंचती है जिसके ब्याज मात्र से ही बीमार का उपचार हो जाता है।
ज्ञापन में मांग की गई है कि मप्र सरकार उक्त योजना को लागू करती है तो प्रदेश उक्त योजना को लागू करने वाला पहला प्रदेश बनेगा, साथ ही कर्मचारियों एवं पेशनर्स के परिवार के लोगों के बहुमूल्य जीवन की रक्षा करने लाभ शासन के खाते में जाएगा। ज्ञापन सौंपने वालों में मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अजय सिंह गौर, शैलेन्द्र उपाध्याय, महेन्द्रसिंह पाल, मोहम्मद सलीम खान, घासीराम राज, देवेन्द्र चैरसिया, देवेन्द्र नायक, चन्द्रेश लोधी, वृजेश शर्मा, कमलेश शर्मा, संतोष गौतम, प्रंशात पाठक आदि प्रमुख है।