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1987 में मोदी को तलाक नहीं दिया था जशोदाबेन ने

वृन्दा मुजुमूदार, अहमदाबाद.
 
जशोदाबेन अपनी जिन्दगी में खलल पड़ने से परेशान हैं। कल तक साधारण जीवन जीने वाली जशोदाबेन अब देश के प्रधानमंत्री की पत्नी है और अब उनके पीछे-पीछे गार्ड चलती है। जाहिर है, रिक्शा में बेन होती हैं और पीछे जीप में सुरक्षा अमला। इसके अलावा अब मीडिया का अटेन्शन भी उनको कुछ ज्यादा ही तंग कर रहा है। ऐसे में बेन ने आरटीआई के जरिए जानना चाहा है कि, आखिर उनकी सुरक्षा में गार्ड किसके आदेश पर लगा दिए गए हैं? एक प्रधानमंत्री की पत्नी को क्या अधिकार हैं? 


1987 में मोदी को तलाक नहीं दिया था जशोदाबेन ने
जशोदा बेन ने तब कहा था कि, अपने पति का इंतजार करेंगी

अभी पीएम की पत्नी होेने से मिली सुरक्षा पर खडे किए सवाल


यह वही जशोदाबेन हैं, जिन्होंने 1987 में नरेंद्र मोदी को तलाक देने से साफ मना कर दिया था, जबकि मोदी अपना रास्ता चुनने के बाद सारे बंधन तोड़कर तलाक का प्रस्ताव लेकर पहुंचे थे। तब मोदी संघ से होते हुए गुजरात भाजपा के संगठन सचिव बन चुके थे। जशोदाबेन के भाई अशोक मोदी ने यह खुलासा एक आंग्ल दैनिक से बातचीत में किया है। अशोक मोदी ने बताया कि 1987 में नरेंद्र मोदी ने अपने बड़े भाई सोमाभाई मोदी के साथ जशोदाबेन से मुलाकात की। उन्होंने आपसी सहमति से तलाक लेने का प्रस्ताव जशोदाबेन के सामने रखा था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। 


1987 में मोदी को तलाक नहीं दिया था जशोदाबेन ने
तलाक के बजाय मोदी का इंतजार करने का कहा था
जशोदाबेन के भाई अशोक मोदी की माने तो अलग होने के बाद भी मोदी ने जब जशोदाबेन के सामने तलाक का प्रस्ताव रखा, तब उन्होंने कहा था कि वह उन्हें तलाक नहीं दे सकती। अगर मोदी की इच्छा हो तो वे तलाक ले लें। जशोदाबेन ने कहा था कि वे अपने पति (मोदी) का इंतजार करती रहेंगी। अशोक बताते हैं कि उनकी बहन ने कभी भी मोदी के लिए परेशानी नहीं खड़ी की। अब भी मोदी अगर लेने आए तो ही वह जाएंगी। दूसरी तरफ जशोदाबेन ने पिछले सप्ताह ही एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर मोदी उन्हें एक बार बुला लें तो वे दिल्ली आने के लिए तैयार हैं। हालांकि जशोदाबेन का बयान सामने आने के बाद मोदी के बड़े भाई सोमाभाई मोदी ने कहा था कि ये नामुमकिन है। उन्होंने कहा कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब न वे और न उनकी मां गांधीनगर स्थित उनके आवास पर गए तो अब दिल्ली कैसे जाया जा सकता है।


1987 में मोदी को तलाक नहीं दिया था जशोदाबेन ने
आरटीआई में जानना चाहे पीएम की पत्नी के अधिकार
जशोदाबेन ने सोमवार को सूचना के अधिकार के तहत प्रधानमंत्री की पत्नी के रूप में अपने अधिकारों की जानकारी मांगी थी। उन्होंने मेहषाणा जिले के पुलिस अधिक्षक को अर्जी दी थी और पूछा था कि प्रधानमंत्री की पत्नी होने के नाते उन्हें क्या-क्या सहूलियतें मिल सकती हैं। उन्होंने अपनी सुरक्षा में लगाए गए जवानों की तैनाती के आदेश की प्रति भी मांगी थी। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी की हत्या उनके ही सुरक्षा गार्ड ने कर दी। मुझे किसके आदेश पर गार्ड दिए गए हैं, ये बताया जाए।

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