बुन्देलखण्ड क्षेत्र के पन्ना जिले की रत्नगर्भा धरती में बेशकीमती हीरों का अकूत भण्डार मौजूद है। हीरों की उपलब्धता वाली अधिकांश भूमि वन क्षेत्र में होने के कारण अब ज्यादातर हीरे की खदानें निजी पट्टे वाली खेती की जमीन पर संचालित हो रही हैं। खेतों में हीरे निकलने से इटवां और बृजपुर क्षेत्र के किसान मालामाल हो रहे हैं।
खेतों में हीरों की तलाश में कृषक अैर श्रमिक (फाईल फोटो) |
हीरा मिलने से कई भू स्वामियों की बदली तकदीर
पन्ना की राजस्व भूमि में नहीं बचा हीरा धारित क्षेत्र
उल्लेखनीय है कि पन्ना जिले में हीरा धारित पट्टी का विस्तार 70 किमी में है। यह उत्तर पूर्व दिशा में पहाड़ीखेरा से प्रारंभ होकर दक्षिण - पश्चिम दिशा में मझगवां तक फैली है। जिले में फैले इस हीरा धारित क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा वन क्षेत्र में आता है, हीरा कार्यालय द्वारा सिर्फ राजस्व की भूमि में खदान चलाने हेतु 8 वाई 8 मीटर की खदान का पट्टा प्रदाय किया जाता है। शासकीय राजस्व भूमि में कई दशकों से खदानें चलने के कारण अब हीरा धारित राजस्व भूमि नहीं बची। ऐसी स्थिति में लोग अब निजी पट्टे की भूमि पर जहां खेती हुआ करती थी, वहां बेशकीमती हीरों की खोज में जुटे हुए हैं। मौजूदा समय शासकीय राजस्व भूमि से कई गुना ज्यादा हीरा की खदानें निजी भूमि पर चल रही हैं, नतीजतन भू स्वामी किसानों की तकदीर बदल रही है।
अंचल के किसानों से मिली जानकारी के मुताबिक खिरवा, सांरग, किटहा, अहिरगुवां, इटवां, बडगड़ी, सिरस्वाहा, रमखिरिया व सिरसा द्वारा में खेतों पर सैकडों की संख्या में खदानें चल रही हैं। बताया जा रहा है कि 8 वाई 8 की एक खदान भू स्वामी कृषक द्वारा 25 से 40 हजार रू में उत्खनन हेतु दी जाती है। इस तरह से एक एकड़ भूमि में तकरीबन 60 खदानें निकलती हैं, जिनसे भू स्वामी कृषक को 15 से 25 लाख रू तक मिल जाते हैं। कई किसान पैसा लेने के बजाय खदान में 25 प्रतिशत के पार्टनर बन जाते हैं, जिसमें खदान खोदने की पूरी लागत खदान संचालक लगाता है तथा हीरा मिलने पर उसकी कीमत का 25 फीसदी हिस्सा किसान को मिलता है। जानकारों के मुताबिक इस अंचल में जेम क्वालिटी के उत्कृष्ट हीरे निकलते हैं, इसलिए मुम्बई, सूरत व गुजरात के कई बड़े व्यापारी भी यहां खेतों में हीरों की तलाश का काम करवा रहे हैं।
इसी माह किसान को मिला है बेशकीमती हीरा
अभी हाल ही में दहलान चौकी निवासी कृषक आनन्द सिंह यादव को उसी के खेत में चलने वाली खदान से उज्जवल किस्म का बेशकीमती 12.93 कैरेट वजन का हीरा मिला है। खेत में इतना बड़ा हीरा निकलने से अन्य दूसरे हिसानों का रूझान भी हीरा खदान संचालित करने की तरफ हुआ है। हीरा धारित क्षेत्र के किसान अपनी पट्टे वाली जमीन में खदान लगाकर हीरों की तलाश में इस आशा से जुटे हैं कि आनन्द सिंह यादव की तरह शायद उनकी भी किस्मत चमक जाये।