थाना रामचंद्र मिशन का कनेंग गांव दीपावली से तीन दिन पहले एक साथ दो बच्चों की मौत से मातम में डूब गया। गांव के गरीब परिवारों के चार बच्चे सोमवार सुबह घर की लिसाई पुताई के लिए गांव के बाहर गड्ढे से मिट्टी निकाल रहे थे। तभी अचानक ढांग ढह गई। जिससे चारो बच्चे कुंतलों मिट्टी के नीचे दब गए। गनीमत रही कि आसपास मौजूद लोगों ने देख लिया। आनन फानन मिट्टी हटाकर बच्चों को निकाल कर जिला अस्पताल लाया गया, जहां एक बालक और एक बालिका को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जबकि एक बालक की हालत गंभीर है। चौथी बालिका को मामूली चोट ही आई।
घर की लिसाई पुताई के लिए गड्ढे से निकाल रहे थे मिट्टी
एक गंभीर, एक बालिका बाल-बाल बची
यह दर्दनाक हादसा सुबह करीब 8 बजे हुआ। गांव के अर्जुन सिंह का 10 वर्षीय बेटा भोला, सुरेंद्र सिंह की 10 वर्षीय बेटी चांदनी, सुधीर का 10 वर्षीय बेटा प्रशांत व 8 वर्षीय बेटी शिवानी गांव के बाहर गड्ढे से मिट्टी निकालने गए थे। गड्ढे में घुसकर बच्चों ने गड्ढे की साइड खोदकर गुफा जैसी बना दी। चारो बच्चे अंदर ही थे कि तभी ऊपर की मिट्टी ढह गई। जिससे चारो बच्चे उसी के अंदर दब गए। उस वक्त आसपास कुछ लोग मौजूद थे और उन्होने मिट्टी की ढांग गिरने की आवाज सुन ली। उन लोगों ने बच्चों को मिट्टी खोदने के लिए गड्ढे में घुसते देखा था। जिस पर उन लोगों ने शोर मचाते हुए तुरंत फाबड़ों से मिट्टी हटाना शुरू कर दिया। पूरा गांव मौके पर एकत्र हो गया। आनन फानन मिट्टी हटाई गई और अचेत हालत में चारों बच्चों को जिला अस्पताल लेकर आया गया। जहां डाक्टरों ने भोला व चांदनी को मृत घोषित कर दिया। प्रशांत की हालत गंभीर है, जबकि उसकी बहन शिवानी साफ बच गई।
भोला का पिता अर्जुन सिंह मानसिक अस्वस्थ्य है। मां रामूदेवी ही मैकडावल में बोतलों की सफाई का काम करके तीन बच्चों को पालपोस रही थी। भोला का एक भाई और एक बहन है। परिवार की हालत अत्यंत दयनीय है। चांदनी के पिता सुरेंद्र सिंह मैकडाबल में काम करते थे। कुछ दिन पहले ही उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। उनके तीन बेटे और तीन बेटियों में चांदनी सबसे छोटी थी। त्यौहार से तीन दिन पूर्व दर्दनाक घटना से पूरे गांव में मातम का माहौल है।