अरुण सिंह, पन्ना.
अंतरराष्ट्रीय शरदपूर्णिमा महोत्सव में जागनी रास के परम आनंद की अनुभूति करने देश-विदेश से हजारों सुन्दरसाथ पन्ना धाम पहुंचे। अखण्ड मुक्तिदाता बुद्ध अवतार श्री प्राणनाथ जी 5 दिनों के लिए अपने भक्तों के पास आकर उन्हें रासमण्डल में परमधाम के वास्तविक सुख एवं अध्यात्मिक द्रष्टिकोण से रत करते हुए उनका जीवन धन्य करते हैं। मध्य रात्रि में बंगला जी दरबार से श्री जी की सवारी रासमण्डल के लिए निकली वैसे ही रास के रचइया की, श्री प्राणनाथ प्यारे के जयकारों से पन्ना पवित्र नगरी गूंज उठी।
शरदपूर्णिमा महोत्सव में जागनी रास के बने साक्षी
प्रेम और आनंद की अनुभूति से मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु
उल्लेखनीय है कि पांच पद्मावती पुरी पन्ना में दशहरे के पूर्व से ही तीर्थ यात्रियों का जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है। शरदपूर्णिमा का महापर्व प्रेम में समर्पण की पराकाष्ठा का पर्व है। आज के दिन विशाल ब्रम्ह चबूतरे में बना महामति श्री प्राणनाथ जी के मंदिर में शाम से ही पैर रखने की जगह नहीं दिख रही थी जहां नजर डालो वहीं श्रद्धालुओं का जमावड़ा नजर आता था।
इंतजार था श्री जी की सवारी की एक झलक देखने का और रासमण्डल में विराजमान हुए रास के रचइया महामति श्री प्राणनाथ जी के दर्शन का। जैसे ही रात्रि के 12 बजे वैसे ही श्री राज जी की विशाल सवारी बंगला जी मंदिर में पूजा पाठ एवं आरती के बीच सुन्दरसाथ के मध्य निकली तो मानो लाखों कंठों से श्री प्राणनाथ प्यारे की जयकार से आसमान गंज उठा। श्री जी की सवारी का हिस्सा बनने हर आम एवं खास लालायित हो उठा। इस विशाल मंदिर के परिसर पर एक तरफ मंचीय कार्यक्रम चल रहा था तो युवक एवं युवतियां गरबा की धुन पर नृत्य कर श्री जी को मनाकर जीवन धन्य कर रहे थे।
वर्ष में एकबार खुलता है रास मंडल
ब्रम्ह चबूतरे पर स्थित रासमंडल साल में एकबार पांच दिनों के लिए ही खुलता है, जब श्री राज जी की सवारी अखण्ड रासमंडल में आकर विराजती है तो रासमंडल का महत्व ही अलग होता है। रासमंडल में रास के रचइया के विराजते ही मानो मंदिर परिसर में हजारों की संख्या में आये सुन्दरसाथ अपनी सुध-बुध खोक र कृष्ण राधिका की साक्षात अनुभूति करते हैं और पूरी रात रास में खोए रहते हैं।
मिला अमृत रूपी खीर का प्रसाद
शरद पूर्णिमा की जैसे ही सुनहरी रात्रि बीती बैसे ही सुध बुध खोए सुन्दरसाथ को जब अमृत रूपी खीर का प्रसाद सुबह मिला तो जैसे उनका उत्साह एवं जोश फिर से वापस लौट आया और वह खीर रूपी अमृत पान कर अपने जीवन को धन्य मानने लगे।
चौकन्ना एवं सजग रहा प्रशासन
अंतरराष्ट्रीय शरद पूर्णिमा महोत्सव में दूर देश एवं विदेश से आए सुन्दरसाथ को किसी प्रकार का कोई कष्ट न हों इसलिए पूरा जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। जिसकी दूरदराज से आए सभी सुन्दरसाथ ने प्रशंसा भी की।