रेलिक रिपोर्टर, शाहजहांपुर.
मनुष्य को अपने विकास के लिए संघर्ष और जीत के जज्बे से लबरेज होना चाहिए। इसमें भी अनुशासन की भावना सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि अनीतिपूर्वक प्राप्त की गयी सफलता कोई मायने नहीं रखती। खेल हमें यही भावना और जज्बा सिखाते हैं। यह विचार पूर्व केन्द्रीय गृह राज्य मन्त्री स्वामी चिन्मयानन्द ने व्यक्त किए।
पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री मुनिराजू ने बैडमिंटन प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार बांटे
स्वामी चिन्मयानन्द स्वामी शुकदेवानन्द स्रातकोत्तर महाविद्यालय में चल रही एमजेपी रुहेलखण्ड विवि बरेली की अन्तर महाविद्यालयी पुरूष बैडमिंटन प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता करते हुए खिलाड़ियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जीत और हार खेल का हिस्सा होते हैं। यद्यपि जीतने के लिए कोशिश की जानी चाहिए परन्तु नीति के साथ प्राप्त की गयी जीत है जीत होती है। इस मौके पर प्राचार्य डॉ अवनीश मिश्र ने भी संबोधित किया।
प्रतियोगिता की शुरुआत में डॉ. कविता भटनागर और डॉ. प्रतिभा सक्सेना के निर्देशन में संगीत विभाग की छात्राओं ने सरस्वती वन्दना और स्वागत गीत सहित विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
प्रतियोगिता में खेले गये लीग मैचों में हिन्दू कालेज मुरादाबाद, एसएस कालेज शाहजहांपुर, रजा राजकीय कालेज रामपुर और बरेली कालेज बरेली ने अपने क्वार्टर फाइनल मैच जीते। पहले सेमी फाइनल जोकि हिन्दू कालेज मुरादाबाद और एसएस कालेज शाहजहांपुर के बीच खेला गया में हिन्दू कालेज मुरादाबाद की टीम तीन मैचों में से दो मैच जीतकर विजेता रही।
दूसरे सेमीफाइनल में बरेली कालेज बरेली ने राजकीय रजा महाविद्यालय रामपुर को शिकस्त दी। फाइनल में हिन्दू कालेज मुरादाबाद और बरेली कालेज बरेली की टीमें भिड़ीं जिसमें हिन्दू कालेज मुरादाबाद को विजेता तथा बरेली कालेज बरेली को उपविजेता घोषित किया गया। हिन्दू कालेज ने बरेली कालेज को 2-1 से पराजित किया। प्रतियोगिता में तीसरा स्थान राजकीय रजा कालेज रामपुर की टीम को तथा चौथा स्थान एसएस कालेज शाहजहांपुर की टीम को प्राप्त हुआ। सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार बरेली कालेज बरेली के दीपक शर्मा को मिला। अतिथियों ने विजेताओं को चमचमाती ट्राफियां प्रदान कीं।
विकास के लिए संघर्ष और जीत का जज्बा होना चाहिए
अक्तूबर 19, 2014
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