रेलिक रिपोर्टर, जम्मू/दिल्ली.
कश्मीर के 1800 सौ साल पुराने मार्तंड मंदिर को निर्देशक विशाल भारद्वाज की फिल्म ‘हैदर’ में शैतान का घर बताए और दिखाए जाने से कश्मीरी पंडित भड़क गए हैं। फिल्म का सड़कों पर उग्र विरोध शुरु हो गया है। पंडितों का कहना है कि, कश्मीर से पंडितों के निर्वासन के बाद अब सांस्कृतिक संहार की साजिश को अंजाम दिया जा रहा है।
प्राचीन सूर्य मंदिर को फिल्म हैदर में शैतान का घर दिखाने पर भड़के कश्मीरी पंड़ित
फिल्म के पोस्टर जलाने के साथ ही उग्र प्रदर्शन करते देशभर में विरोध का अल्टीमेटम
आल पार्टीज माइग्रेंट्स को-आर्डिनेशन समिति (एपीएमसीसी) के अध्यक्ष विनोद पंड़ित ने बताया कि, ‘फिल्म के गीत ‘बिस्मिल’ में कश्मीर के मार्तंड मंदिर (सूर्य मंदिर) को शैतान के घर के रूप में दिखाया गया है। हमारे धार्मिक चिन्ह को गलत प्रकाश में पेश करने से ना सिर्फ कश्मीरी पंड़ित समुदाय की, बल्कि पूरी दुनिया के हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।’
इसके विरोध में जम्मू में बीते दिन फिल्म और उसके निर्माताओं के खिलाफ प्रदर्शन करने के साथ ही फिल्म का पोस्टर जलाया गया, जिसमें निर्देशक विशाल भारद्वाज, सेंसर बोर्ड और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की तस्वीरें शामिल थीं। पंडित ने कहा कि प्राचीन मंदिर को गलत प्रकाश में पेश करने तथा धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में फिल्म निर्माताओं, सेंसर बोर्ड और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को नोटिस भेजा जा रहा है। इसके साथ ही आगामी रविवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया जाएगा। एपीएमसीसी के सदस्यों का कहना है कि फिल्म-निर्माताओं के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने इस मामले में केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर से भी हस्तक्षेप की मांग की है।
दुनिया का एकमात्र पश्चिममुखी मंदिर
मार्तंड मंदिर अनोखा है, क्योंकि दुनियाभर में एकमात्र मंदिर है जो पश्चिममुखी है। इसकी निर्माण शैली कोणार्क के सूर्य मंदिर से काफी मिलती है और निर्माण काल 1800 साल पहले का माना जाता है। इस मंदिर को कश्मीर से हिन्दुओं और पंडितों के सफाए के शुरु में ही हमलावरों ने तोड़ दिया था।
तिरंगा फहराने पर विशाल ने मांगी थी माफी
हैदर फिल्म की शूटिंग जब कश्मीर यूनिवर्सिटी में चल रही थी, तब एक दृश्य में तिरंगा फहराना था। इसका कश्मीरी स्टूडेंट ने जबर्दस्त विरोध करते स्टेज तोड़ दिया और खुलेआम पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए। फिल्म निर्देशक विशाल भारद्वाज ने तब तिरंगा फहराने के लिए माफी मांगी थी।
एएसआई की परमिशन पर उठे सवाल
आर्कियोलॉजी सर्वे आफ इंडिया से फिल्म शूटिंग की परमिशन पर भी सवाल
खडे हो गए हैं। विनोद पंडित के अनुसार 2009 में कश्मीरी पंडितों ने इसी मंदिर में हवन किया था तो एएसआई ने शुरु में परमिशन देने से
मना कर दिया था। हालांकि, हैदर फिल्म की शूटिंग के लिए तत्काल परमिशन दी गई।
यह है सांस्कृतिक संहार की साजिश
पनुन कश्मीर के लीडर डॉ. अग्निशेखर के अनुसार जानबूझकर सूर्य मंदिर को शैतान का घर बताने के पीछे कश्मीर की सांस्कृतिक सहांर की साजिश है। इससे नकारात्मक भाव पैदा होता है और मखौल उड़ता है।
शूटिंग के दौरान तिरंगा फहराने पर माफी मांगने वाले निर्देशक की
जांच की जानी चाहिए।