अच्छी फसल लेने के लिए खाद का होना जरूरी है लेकिन किसानों को खाद नहीं मिल रही है, जिससे किसान परेशान है। न तो सोसायटियों से किसानों को को खाद मिल रही है और न ही वेयर हाऊस से पूर्ति हो पा रही है। आए दिन वेयर हाऊस पर किसानों की लम्बी लम्बी कतारे सुबह से लग जाती है, लेकिन उन्हें ऊंट के मुंह में जीरे के समान खाद कुछ ही किसानों को मिल पाती है, शेष अगले दिन का इंतजार करते रहते है। इस समय किसानो को डीएपी, ग्रोमोर यूरिया के लिए भटकना पड़ रहा है और मजबूरन प्राइवेट दुकानों से मंहगे दामों में खाद खरीदना मजबूरी बन गया है।
वेयर हाऊस पर खाद लेने लगी किसानों की लाइन |
खाद के लिए सुबह से लगती हैं वेयर हाउस के बार किसानों की लाइनें
किसान सलाम खां, हाजी वाहिद खां, सूरजनारायण गुप्त, रेहान खान, राजेन्द्र सिंह, युनुस खां, रामसिंह, हल्के भाई, रामरतन देवलापुर, लक्ष्मण प्रसाद जमुनिया, अन्नू पटेल हप्सिली, सुरेन्द्र कुशवाहा भुरेरू, नर्वदा प्रसाद ऊमरखोह, रामूसिंह गौर करहोला, गोवर्धन राधेश्याम जगन्नाथ सिंह खजुरिया, ओमप्रकाश तुलसीपार, बाबूलाल फतेहपुर, अजहर खां नर्वदा प्रसाद तुलसीपार, इस्माईल खान ककरूआ, जाहर सिंह खजुरिया ने बताया कि सुबह से लाइन में लगे है। बावजूद जब तक नम्बर आया तब तक स्टाक समाप्त हो गया। इनमें से कुछ किसान तो दीपावली के बाद से बराबर वेयर हाऊस के चक्कर लगा रहे है लेकिन उनका नम्बर ही नहीं आ पा रहा है। किसानों का आरोप है कि एक ओर सरकार गांव गांव कृषि क्रांति रथ के माध्यम से उन्नत खेती की तकनीके बता रहा, दूसरी ओर खाद उपलब्ध नहीं कराने से किसान कैसे अधिक उपज ले पाएगा? शासन की यह दोहरी नीति किसानों के गले नहीं उतर रही है। इस संबंध में वेयर हाऊस प्रबंधक मजीद खान ने बताया कि डीएपी, यूरिया व ग्रोमोर खाद 5-5 सौ टन आवंटन की मांग की गई है, जिसकी आपूर्ति नहीं हो रही। खाद जैसे जैसे आता जा रहा है वैसे वैसे आंवटित किया जा रहा है।