बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के बाद मची भगदड़ में करीब 40 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। हादसे में 150 से ज्यादा घायल होने वालों को पीएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भगदड़ बिजली का तार गिरने की फैली अफवाह के चलते मची। दूसरी ओर, प्रदेश के गृह सचिव अमीर सुबहानी ने सिर्फ 32 मौतों की पुष्टि की है। भगदड़ से कुछ वक्त पहले ही मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी वहां से विदा हुए थे।
भगदड़ में 40 महिलाओं और बच्चों के मारे जाने की शुरुआती पुष्टि
मुख्यमंत्री मांझी की सुरक्षा में लगी रही पुलिस, जिससे फैल गई अव्यवस्था
प्रशासनिक लापरवाही से इस साल का दशहरा हमेशा के लिए दुखभरी यादों में बदल गया। पटना के गांधी मैदान में विजयादशमी पर्व पर रावण दहन के बाद मची भगदड़ में गई जानों के लिए प्रशासनिक लापरवाही जिम्मेदार है। मैदान में 5 लाख की भीड़ मौजूद थी। देर शाम तक कार्यक्रम के चलने के बावजूद प्रशासन ने रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की थी। सुरक्षा का सारा ध्यान सिर्फ मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के जाने वाले गेट पर था।
गांधी मैदान में नौ गेट होने के बावजूद केवल चार गेट ही खुले थे, उनमें से केवल एक गेट लोगों के निकलने के लिए था। ऐसे में अंधेरे और महज 10 फुट चौडेÞ गेट के कारण लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। हंगामा मचने और चीख पुकार के बाद अफसरों का ध्यान गया। नतीजे में पुलिस जब तक वीआईपी गेट से रामगुलाम चौक आती तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था।
पटना प्रशासन की यह अव्यवस्था उस घटना के बाद की है जब दो साल पहले ही गांधी मैदान के करीब ही अदालत घाट पर छठ पूजा के दौरान भगदड़ में कई लोग मारे गए और पिछले साल ही मोदी की सभा के दौरान बम धमाके हुए थे।

हादसे के बाद पीएमसीएच में अफरातफरी का माहौल रहा। अपनों की तलाश में पीएमसीएच पहुंचे लोग भटकते रहे। लोगों का आरोप है कि उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा। कई लोगों का गुस्सा इस बात को लेकर था कि उनके बच्चे लापता हैं और उन्हें जानकारी नहीं दी जा रही है। मीडिया तक को अंदर नहीं जाने दिया गया। लोगों में प्रशासन और सरकार के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा दिखा। लोगों की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पूरे अस्पताल परिसर को पुलिस छावनी में बदल दिया गया। आयुक्त एन विजय लक्ष्मी समेत पटना के सभी आला अधिकारी पीएमसीएच में कैंप कर रहे हैं। जिलाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि भगदड़ के कारणों का अभी पता नहीं चला है। पूरे परिसर में चीख चीत्कार और नारेबाजी का माहौल था।