आनन्द चौहरिया, जयपुर.
राजस्थान में 108 एम्बुलेंस के टेंडर में 2.56 करोड़ रुपए के गबन के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट सहित कांग्रेस के कई दिग्गजों की गर्दन फंसती नजर आ रही है। इस घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने की सीआईडी-सीबी की सिफारिश को राजस्थान सरकार ने मान लिया है।
108 एंबूलेंस सेवा के टेंडर में कई दिग्गज कांग्रेसियों की भूमिका घेरे में
राज्य का गृह विभाग अब इस फाइल को सीबीआई को पहुंचाने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिख रहा है। इस एम्बुलेंस घोटाले में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व चिकित्सा मंत्री एए खान के साथ केन्द्रीय मंत्री सचिन पायलट, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम के पुत्र कीर्ति, व्यालार रवि के पुत्र रवि कृष्णा, केरल के मुख्यमंत्री के पूर्व आर्थिक सलाहकार शफी मातेर, एनआरएचएम के तत्कालीन निदेशक तथा जिगित्सा हेल्थ केयर कम्पनी की सीईओ श्वेता मंगलम शामिल हैं।
फर्जी मरीजों के लिए कागजों में चली एंबूलेंस
गत जून में जयपुर के पूर्व महापौर पंकज जोशी की शिकायत पर अदालत के आदेश से अशोक नगर थाने में ये मामला दर्ज हुआ था और जांच सीआईडी-सीबी को सौंपी गई थी। सीआईडी-सीबी ने यह कहते हुए जांच सीबीआई से करवाने की सिफारिश की कि टेण्डर केंद्रीय स्तर पर हुआ था और घोटाले के आरोप पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के रिश्तेदार पर है। एक अप्रवासी भारतीय का नाम भी केस में है और इसके लिए इंटरपोल की मदद की जरुरत होगी, ऐसे में ये केस सीबीआई के क्षेत्राधिकार का है। 23 फरवरी 2012 को इस घोटाले का खुलासा हुआ था। स्वास्थ्य विभाग के वित्तीय सलाहाकार ने जांच में पाया कि जिकित्सा ने एम्बुलेंस के फर्जी ट्रिप दिखाकर भुगतान ले लिया। बाद स्वास्थ्य विभाग ने भी इसकी पुष्टि की थी। कंपनी पर एम्बुलेंस की एक ही ट्रिप में चार-चार मरीजों के नाम पैसे उठाने और फर्जी कॉल की एंट्री से भुगतान उठाने का आरोप है। सिंतबर 2011 में आॅफ रोड 50 एम्बुलेंस को भी आॅन रोड दिखाकर भुगतान उठा लिया। सिंतबर 2011 में 55326 ट्रिप दिखाए, जबकि हकीकत में 37458 ही ट्रिप थे।