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डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, एसएलआर जाएंगे छु्ट्टी पर

रेलिक रिपोर्टर, भोपाल.
मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस 1 नवंबर को प्रशासनिक और राजस्व महकमे का काम काज ठप हो जाएगा, क्योंकि डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) हो जाने के बाद भी प्रमोशन नहीं मिलने और हर साल दो बार डीपीसी नहीं होने के विरोध में डिप्टी कलेक्टरों के साथ-साथ तहसीलदार और अधीक्षक भू-अभिलेख संवर्ग सामूहिक अवकाश पर होंगे।   

1 नवंबर छुट्टी पर रहेंगे डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, एसएलआर
राज्य प्रशासनिक सेवा संघ, राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ और भू-अभिलेख अधिकारी संघ ने बनाया महासंघ
 
डीपीसी हो जाने के बाद भी प्रमोशन नहीं मिलने और नियमित डीपीसी नहीं होने के विरोध में 1 नवंबर को लेंगे सामूहिक अवकाश


यह कड़ा फैसला शनिवार को राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के साथ-साथ मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ और भू-अभिलेख अधिकारी संघ की संयुक्त बैठक में लिया गया। राप्रसे संघ के अध्यक्ष गोपाल प्रसाद माली के साथ राजस्व अधिकारी संघ के मुकुल गुप्ता और भू-अभिलेख अधिकारी संघ के राधेश्याम बघेल ने बताया कि सामूहिक अवकाश की रणनीति बनाने के लिए 29 अक्टूबर को फिर से डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार और अधीक्षक भू-अभिलेख संवर्ग बैठक करेंगे। बैठक में इस बात पर नाराजगी जताई गई कि, सामान्य प्रशासन विभाग ने 24 अप्रैल 2013 को विभागीय पदोन्नति की समिति की बैठके वर्ष में 2 बार आयोजित करने के निर्देश दिये है। प्रथम बैठक जनवरी-फरवरी में और दूसरी बैठक अगस्त-सितम्बर में आयोजित की जाए, लेकिन इसका पालन नहीं हो पा रहा है। नतीजे में जीएडी ने 12 मई 2014 के परिपत्र में चिन्ता व्यक्त की है कि विभागीय पदोन्नति समिति की बैठके समय पर आयोजित नहीं हो रही हैं, इस कारण 140 शासकीय सेवकों की वरिष्ठता प्रभावित हो रही है। साथ ही 15 जुलाई 2014 तक डीपीसी करने के लिए अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव को इसकी समीक्षा के निर्देश भी दिए हैं। हद तो यह हैकि, इन निर्देशों का पालन जीएडी ही नहीं कर रहा है। वर्ष 2013 में सिर्फ एक बार डीपीसी हो सकी, जबकि तहसीलदार, अधीक्षक भू-अभिलेख से राज्य प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति संबंधी बैठक ही नहीं हो सकी। इसी तरह राप्रसे से भाप्रसे के लिए पदोन्नति संबंधी बैठक भी नहीं हो सकी। 

शासन द्वारा जानबूझकर प्रमोशन का भ्रम फैलाया गया
डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार और अधीक्षक भू अभिलेख इस बात से बेहद खफा हैं कि, वर्ष 2014 में भी जीएडी ने सिर्फ एक बार ही बैठक 7 अगस्त,2014 को की,लेकिन इस बैठक में लिए गए निर्णयों पर अमल नहीं किया गया। हद तो यह कि, राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति संबंधी बैठक ही नहीं हो सकी। इस पर विरोध जताने पर 22 अक्टूबर 2014 को 2 अधिकारियों को अधिसमय वेतनमान, 9 अधिकारियों को वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान और 7 अधिकारियों को वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान दिये जाने के आदेश जारी हुए। हालांकि,यह आदेश वर्ष 2013 में आयोजित विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक में रोके गये अधिकारियों से संबंधित हैं। ऐसे में यह आदेश 2013 में ही जारी कर दिये जाने चाहिये थे। शासन द्वारा जानबूझकर भ्रम फैलाने का प्रयास किया गया कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को पदोन्नति (क्रमोन्नति) दे दी गई है। वस्तुस्थिति यह है कि संयुक्त कलेक्टर से अपर कलेक्टर और तहसीलदार, अधीक्षक भू-अभिलेख से डिप्टी कलेक्टर के प्रमोशन आदेश आज दिनांक तक जारी नहीं किए गये है।

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