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एशियन गेम्स में हाकी का स्वर्ण जीतने की उम्मीद

चंचल कौशिक, नई दिल्ली.

भारतीय हॉकी टीम ने काफी लंबे समय से एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक नहीं जीता है, लेकिन चीफ कोच टेरी वाल्श का कहना है कि सरदार सिंह एंड कंपनी के पास इस बार इंचियोन में आगामी टूर्नामेंट में स्वर्ण जीतने का इस बार बेहतरीन मौका है। 

एशियन गेम्स में हाकी का स्वर्ण जीतने की उम्मीद
सरदार सिंह एंड कंपनी इस बार इंचियोन में शानदार 
प्रदर्शन की है उम्मीद

भारत ने एशियन गेम्स में हॉकी में 1966 और 1998 में दो स्वर्ण पदक जीते थे, जबकि 2002 बुसान संस्सकरण में उसके हाथ में रजत पदक आया था।
वाल्श का मानना है कि कॉमनवेल्थ गेम्स में इस बार के प्रदर्शन को देखते हुए लगता है कि भारतीय टीम इंचियोन गेम्स में टूर्नामेंट में प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेगी। भारत के लिए लक्ष्य आसान है। उसे आठ बार के चैंपियन और मौजूदा चैंपियन पाकिस्तान के साथ पूल बी में रखा गया है। इस पूल की अन्य टीमों में चीन, ओमान और श्रीलंका छुपे रुस्तम हैं। वॉल्श का कहना है कि पिछले कुछ समय से हमने शीर्ष स्तरीय इंटरनेशनल टूर्नामेंट नहीं खेले हैं। हालांकि इसके बावजूद दबाव भारत के मुकाबले पाकिस्तान पर ज्यादा होगा।

भारत की पहली भिडंत श्रीलंका से होगी
एशियन गेम्स 19 सितंबर से 4 अक्तूबर के बीच साउथ कोरिया के इनचेंयान शहर में खेले जाने है। 16 सदस्यों की टीम की कमान सरदार सिंह के हाथों में होगी। कॉमनवेल्थ गेम्स और बांग्लादेश टूर में प्रदर्शन के आधार पर खिलाड़ियों का चयन भारतीय टीम में हुआ है। भारतीय टीम को पहला मुकाबला 21 सितंबर को श्रीलंका से खेलना है। इसके बाद ओमान के साथ 23 सितंबर, 25 सितंबर को पाकिस्तान के साथ, चीन के साथ 27 सितंबर को भिड़ंत होनी है।

एशियन गेम्स में खेलेंगे चंडीगढ़ के दो हॉकी स्टार
सिटी ब्यूटीफुल के दो हॉकी खिलाड़ियों का साउथ कोरिया में खेले जाने वाले एशियन गेम्स के लिए भारतीय सीनियर टीम में चयन हुआ है। हॉकी इंडिया की ओर से वीरवार को भारतीय सीनियर टीम की घोषणा की गई। इसमें सेक्टर-42 स्थित हॉकी एकेडमी के ट्रेनी रह चुके रुपिंदरपाल सिंह और धर्मवीर सिंह का नाम शामिल है।

जीत के साथ आगाज करना चाहेंगे
टीम में चुने गए रुपिंदरपाल सिंह ने बताया कि श्रीलंका के साथ पहले मुकाबले में जीत के साथ हम आगाज करना चाहते हैं। इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं। एशियन गेम्स के लिए इन दिनों कैंप दिल्ली में लगाया जा रहा है। यहां पर टीम के सदस्य सुबह 8-12 और शाम को 4 से 7 बजे तक कोच टैरी वॉल्श की देखरेख में पसीना बहा रहे हैं। दोनों खिलाड़ी आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। रुपिंदरपाल सिंह फरीदकोट के रहने वाले हैं। इनके पिता फर्नीचर का काम करते है। वहीं धर्मवीर पंजाब के रोपड़ के पास खैहराबाद के रहने वाले है। इनके पिता खेती बाड़ी का काम करते है।

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