आर्थिक परेशानी से उबरने के लिए 1 करोड़ रुपए उधार लेना एक डॉक्टर को इतना भारी पड़ा कि, जान के लाले पड़ गए हैं। उधार देने वाले ने पहले तो दबाव ड़ालकर पॉवर आफ अटार्नी लिखवा ली, फिर गुपचुप अपनी ही मां के नाम से रजिस्ट्री करवा दी। इसका विरोध करने पर दिन दहाड़े अस्पताल में घुसकर जानलेवा हमला करके तोड़फोड़ करवाई।
डॉ. सचिन जैन |
अस्पताल में घुसकर हमला करने वालों की गिरफ्तारी नहीं
यह व्यथा बुधवार को मीडिया से रुबरु हुए डॉ. सचिन जैन ने सुनाई, जोकि बीते 11 साल से सोनागिरी में सचिन ममता अस्पताल का संचालन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल संचालन को बेहतर बनाने के लिए 2012 में विशाल खत्री से 1 करोड़ रुपए उधार लिए थे। चूंकि खत्री अपने बच्चे का इलाज करवाने आता था तो उससे परिचय हो गया था। उधारी के पैसे जून,13 से अक्टूबर,13 किश्तों में करीब 90 प्रतिशत चेक के जरिए चुका दिए गए, जिसकी बैंक रसीदें भी हैं। इसके बाद भी खत्री ने दबाव डालकर 15 अक्टूबर,13 को अपने नाम पर पॉवर आफ अटार्नी लिखवा ली। इसके बाद 9 नवंबर,13 को गुपचुप तरीके से अपनी मां को ही मकान रजिस्ट्री के जरिए बेच दिया। इसका पता चलते ही सिविल कोर्ट से स्टे लिया। इससे चिढ़कर खत्री ने फरवरी,14 से धमकी दे रहा है कि बच्चों को उठवा लूंगा और गोली मरवा दूंगा। इसकी रिपोर्ट थाना पिपलानी के साथ ही डीआईजी श्रीनिवास वर्मा को की गई।
दिन दहाडे किया जानलेवा हमला
17 सितंबर,14 की सुबह 10:45 बजे अस्पताल पर पथराव किया गया। पुलिस ने सुनवाई नहीं की तो 19 सितंबर को अदालत आपरधिक परिवाद दायर कर दिया। इसके बाद 21 सितबंर की सुबह करीब पौने बारह बजे आठ-दस आदमी अस्पताल में तोड़फोड़ मचाते घुए आए और हमला कर दिया। इनमें से एक विशाल खत्री का राइट हैंड विपुल जैन था, वहीं कुछ हमलावर बाहर ही खडेÞ रहे। इससे डॉ. जैन के सिर और पीठ पर घातक चोंटे आर्इं। अस्पताल में अफरा तफरी मच गई। इसकी रिपोर्ट भी थाना पिपलानी में की गई, हालांकि एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। दूसरी ओर, आरोपी खुलेआम घूमते हुए जान से मारने और अस्पताल में आग लगाने की धमकी दे रहे हैं।
पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई
इस मामले में स्थानीय पुलिस की भूमिका भी शंकास्पद है, क्योंकि पीड़ित डॉक्टर ने डीआईजी श्रीनिवास वर्मा से इस बारे में शिकायत की थी। इस पर वर्मा ने पिपलानी थाना प्रभारी को कड़ी फटकार लगाते कार्रवाई के निर्देश दिए थे। बावजूद, दिन दहाडे अस्पताल में घुसकर हमला करने वालों की गिरफ्तारी पुलिस ने नहीं की।