सिविल अस्पताल में मरीजों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए समाज सेवियों द्वारा दो प्रायवेट वार्डो एवं एक टीन शेड का निर्माण कराया गया था, लेकिन दोनों प्रायवेट वार्डो पर डाक्टर्स ने अपना रहवास बना लिया है तो टीन शेड पर अस्तपताल का कबाड़ा भर दिया गया है। नतीजे में मरीजों के परिजन वहां विश्राम अथवा भोजन नहीं पका पा रहे है। इसी तरह अस्पताल के आवासों में भी अपात्र कर्मचारी कब्जा जमाए हुए हैं। ऐसे में पात्र कर्मचारी किराए के मकानों में रहने को मजबूर हैं।
प्रायवेट वार्डो पर बेब्जा कब्जा |
प्रायवेट वार्ड
डाक्टरों ने कब्जा करवाकर भरवा दिया
है कबाड़ा
गौरतलब होगा कि सिविल अस्पताल में समाजसेवी स्व. गंगाप्रसाद पटेल (मझले वीर) द्वारा सन 2011 में अपने माता पिता की स्मृति में करीब 5 लाख रूपए की लागत से दो प्रायवेट वार्डो का निर्माण कराया गया था। उनकी मेहनत और मकसद को तब धक्का लगा जब इन वार्डो में मरीजों की बजाय दोंनो कक्षों पर दो डाक्टरों ने अवैध रूप से कब्जा जमा लिया। इससे मरीज परेशान हो रहे है।
टीन शेड में भरा हुआ है कबाडा |
दोनो सर्व सुविधा युक्त प्रायवेट वार्डो का उदघाटन सन 2011 में तत्कालीन विधायक देवेन्द्र पटेल ने किया था। कुछ दिन मरीजों को वार्डो का आवंटन किया गया, लेकिन दो माह के बाद अचानक दोनों कक्षों पर एक -एक डॉक्टर ने अपना अपना कब्जा जमा लिया। कई बार लोगों ने प्रायवेट वार्ड देने के लिए डाक्टर से गुजारिश की तो उन्हें जवाब मिला कि खाली नहीं है। ठीक इसी प्रकार मरीजो के साथ आने वाले परिजनों के लिए टीनशेड का निर्माण समाज सेवी अक्षय सर्राफ द्वारा अपनी स्व.पत्नी की स्मृति में कराया गया था। इस टीन शेड में भी अवैध रूप से अस्पताल का कबाड़ा भर दिया गया है, जिसके कारण मरीजो के साथ आने वाले परिजन अब इधर उधर भटक कर भोजन आदि बनाते है या भोजन खाते है।
नाराजगी के बाद कार्रवाई का आश्वासन
समाज सेवी स्व. गंगाप्रसाद पटेल के बडे बेटे बंसत पटेल एवं समाज सेवी अक्षय सर्राफ ने इस पर अपनी अपनी आपत्ती दर्ज कराते हुए कक्षों व टीन शेड को खाली करवाकर जिस उद्देश्य के लिए बनाए गए है उसी उद्देश्य में इस्तेताल किए जाने की मांग की है। इस संबंध में एसडीएम डीके सिंह का कहना है कि आज संज्ञान में बात आई है इसकी जांच करके नियमानुसार किराया वसूला जाएगा। इसी तरह शासकीय आवासों में जो अपात्र निवासरत है उन्हें बाहर करके पात्रों को आवास दिए जाएगें। टीनशेड व प्रायवेट वार्ड खाली करवाकर सिर्फ मरीजों को ही उपलब्ध करवाए जाएंगे।