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हवा - हवाई साबित हो रहा है कृषि क्रांति रथ

 अरुण सिंह, पन्ना.

खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए भारी तामझाम और धूम-धड़ाके के साथ जिले में शुरू किया गया कृषि महोत्सव प्रारंभिक दौर में ही हवा - हवाई साबित हो रहा है। कार्यक्रम के मुताबिक कृषि क्रांति रथ तो गांव - गांव पहुंच रहा है लेकिन बर्बाद होती खरीफ की फसलों व रबी सीजन में सूखे की आशंका से परेशान जिले के किसान इसमें कोई रूचि नहीं ले रहे। कृषि क्रांति रथ के साथ सिर्फ ड्यूटी में तैनात कर्मचारी ही नजर आते हैं, किसानों यहां तक कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों व भाजपा पदाधिकारियों तक की उपस्थिति नगण्य रहती है। ऐसे नीरस और उत्साह विहीन कृषि महोत्सव से खेती को कितना लाभ होगा, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

अहिरगुवां गांव में आयोजित फ्लाप संगोष्टी का नजारा
अहिरगुवां गांव में आयोजित फ्लाप संगोष्टी का नजारा
बर्बाद होती फसलों व सूखे से परेशान किसान नहीं ले रहे रूचि

कृषि महोत्सव कृषि क्रांति रथ के नाम पर सिर्फ हो रही है खानापूर्ति

उल्लेखनीय है कि समूचे प्रदेश के साथ - साथ पन्ना जिले में भी लाखों रू। खर्च कर 25 सितम्बर से 20 अक्टूबर तक कृषि महोत्सव मनाया जा रहा है। भारी तामझाम के बीच जिला मुख्यालय पन्ना में इस महोत्सव का 25 सितम्बर को शुभारंभ हुआ और कृषि क्रांति रथों को रवाना किया गया। इस मौके पर जिले के अनेकों भाजपा नेता व पदाधिकारी मंच की शोभा बढ़ाने तथा अपनी उपस्थिति दर्ज कराने पहुंचे लेकिन अब गांव - गांव घूम रहे कृषि क्रांति रथ की कोई खोज खबर नहीं ले रहे। कार्यक्रम के मुताबिक जिले की 375 ग्राम पंचायतों में कृषि क्रांति रथ को पहुंचना है। इस रथ के साथ कृषि वैज्ञानिक, कृषि, पशुपालन तथा उद्यानिकी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी चल रहे हैं ताकि किसानों को उन्नत कृषि तकनीक व कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी मौके पर दी जा सके। लेकिन गांव में रथ पहुंचने पर जब किसान ही नहीं जुड़ रहे तो कृषि वैज्ञानिक व अधिकारी उन्नत कृषि तकनीक की जानकारी किसे दें। जिस गांव में यह रथ पहुंचता है उस गांव की महिलाएं व बच्चे जरूर अपने - अपने घरों से इस रथ को हैरत भरी नजरों से निहारते हैं।

गांवस्तर की बैठकों की रस्मअदायगी का दौर
निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक आज पन्ना विकास खण्ड के ग्राम अहिरगुवां में जब कृषि क्रांति रथ पहुंचा तो यहां का नजारा देखने काबिल था। गांव के बीचो बीच देवी मंदिर के पास रथ खड़ा था और वहीं पास ड्यूटी में तैनात अधिकारी व कर्मचारी कुर्सी में बैठे थे। सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक कृषि क्रांति रथ व अधिकारी यहां पर रहे, लेकिन किसान नदारत थे। कृषि महोत्सव को कबर करने के लिए पन्ना से अहिरगुवां गांव पहुंचे पत्रकारों ने जब यह दृश्य देखा तो वे भी हैरान हुए। किसानों की गैरमौजूदगी तथा महोत्सव के प्रति उनकी अरूचि का कारण बताते हुए सहायक संचालक कृषि एल।एल। धन्या ने बताया कि अल्प वर्षा की वजह से धान सहित खरीफ की अन्य फसलें सूख रही हैं। रबी सीजन की फसलों को लेकर भी किसान सशंकित हैं, इसी तनाव के चलते किसान रूचि नहीं ले रहे। आपने यह भी बताया कि 25 सितम्बर से आज तक हमने एक दर्जन ग्रामों का भ्रमण किया लेकिन कहीं भी किसी जनप्रतिनिधि ने अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं की। यहां तक कि भाजपा के नेता व पदाधिकारी भी उन ग्रामों में नहीं पहुंचते जहां कृषि क्रांति रथ जाता है।

पन्ना विकासखण्ड के अहिरगुवां गांव में कृषि क्रांति रथ
पन्ना विकासखण्ड के अहिरगुवां गांव में कृषि क्रांति रथ
अखबारों में खबर छपवाकर भूल गए सत्ताधारी नेता
बीते चार दिनों में पन्ना जिला मुख्यालय के 20 किमी के दायरे में कृषि क्रांति रथ ने भ्रमण किया, लेकिन कहीं भी कोई जनप्रतिनिधि व सत्तापक्ष का नेता नहीं पहुंचा। इन चार दिनों में कृषि क्रांति रथ ने पुरषोत्तमपुर, जनकपुर, सुनहरा, तिलगंवा, लक्ष्मीपुर, रक्सेहा, बिलखुरा, जमुनिहाई, रहुनिया, इटवांखास, अहिरगुवां व सिरस्वाहा का भ्रमण किया है। जिला मुख्यालस से लगे हुए ग्रामों में कृषि क्रांति रथ का भ्रमण फ्लाप शो साबित हुआ तो दूरस्थ ग्रामों में इस आयोजन का क्या हश्र होगा, इसकी कल्पना की जा सकती है। मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले इस कार्यक्रम के प्रति किसानों की अरूचि के पीछे कई कारण हैं, लेकिन इस आयोजन में भाजपा के नेता व पदाधिकारी क्यों अपनी भागीदारी नहीं निभा रहे, यह हैरानी की बात है। पार्टी के नेताओं व पदाधिकारियों ने जिला व विकासखण्ड स्तर पर बैठकें करके अखबारों में फोटो सहित विज्ञप्तियां जरूर जारी की हैं तथा कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील भी की है। शायद अपनी इस सहभागिता और भागीदारी से वे संतुष्ट हंै और यह मानते हैं कि खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए इतना कर देना ही काफी है।

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