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फसल सूखने पर किसान ने की आत्महत्या


शमिन्दर सिंह, शाहजहांपुर.

तिलहर तहसील में सूखा के कारण एक किसान द्वारा फांसी लगाकर खुदकुशी का मामला प्रकाश में आया है। उसने 30 हजार रुपया क्राप लोन लिया था, जो ब्याज जुड़कर 80 हजार हो गया। ऋण चुकाने के साथ उसे बेटी के ब्याह की भी चिंता सता रही थी। चार बीघा धान की फसल पर ही उसकी उम्मीदें टिकी हुईं थीं जो सूखा की चपेट में आ गई। 

फसल सूखने पर किसान ने की आत्महत्या
80 हजार क्राप लोन और बेटी की शादी की चिंता से था परेशान
उत्तर प्रदेश सरकार के किसान हितैषी होने के दावे की खुली पोल

मामला तिलहर तहसील के थाना जैतीपुर अंतर्गत ग्राम मरूरिया का है। यहां के शेरसिंह (45) के पास चार बीघा खेती थी। तीन बीघा खेत उसे पट्टे में मिला था। पत्नी की कई साल पहले मौत हो गई थी। पांच बच्चों में दो बेटियां हैं। जिनमें बेटी संध्या व बेटा मुकेश की वह शादी कर चुका था। छोटी बेटी नन्हीं की शादी के लिए वह घर-वर तलाश रहा था। शेर सिंह कुछ सालों से बीमार भी चल रहा था। कई साल पहले उसने जैतीपुर स्थित पश्चिमी उप्र बड़ौदा ग्रामीण बैंक से 30 हजार रुपये लोन लिया था। यह लोन वह चुकता नहीं कर पाया जो ब्याज लगकर 80 हजार हो गया था और उसे नोटिस भी मिल चुके थे।
शेर सिंह ने कर्ज से मुक्ति पाने के लिए चार बीघा खेत में धान लगाए थे। वहीं बेटा मुकेश कमाने के लिए दिल्ली चला गया था। चार बीघा धान की फसल बरसात के अभाव में सूख गई। जिससे शेर सिंह परेशान हो गया। बीते दिवस मुकेश दिल्ली से आया तो उसकी जेब में कुल छह हजार रुपये थे। कर्ज, बेटी के ब्याह की चिंता और सूखे से फसल चैपट होने के गम में बीती सुबह उसने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घर के मुखिया की मौत से परिवार गहरे सदमे में है।

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