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पेटा महिला कार्यकर्ता के कपडे फाडे और पुलिस को पीटा

रेलिक रिपोर्टर, भोपाल.

पेटा (पीपुल्स फॉर इथीकल ट्रीटमेंट आफ एनीमल) कार्यकर्ताओं द्वारा बकरा ईद पर मूक पशुओं की अंधाधुंध हत्याओं पर रोक लगाने के साथ ही ईद पर कुर्बानी न करने और शाकाहारी बनने की अपील करते किए गए प्रदर्शन के दौरान अराजकता के हालात बन गए। मुसलमानों ने पेटा कार्यकर्ताओं को पहले जमकर पीटा, महिला कार्यकर्ताओं के कपडे फाडे और फिर मारते पीटते खदेड़ दिया। इस दौरान पथराव और झूमाझटकी बचाने में एक पुलिस कर्मचारी सहित कई घायल हो गए। जवाब में पुलिस ने हल्के बलप्रयोग से भीड़ को खदेड़ दिया। बाद में कलेक्टर के आदेश पर पेटा कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। हालांकि, खुलेआम सड़क पर मारपीट और पुलिस पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी।

पेटा महिला कार्यकर्ता के कपडे फाडे और पुलिस को पीटा
पेटा कार्यकर्ताओं को मुसलमानों ने पहले पीटा फिर खदेड़ा
जिला प्रशासन ने भावनाएं भड़काने की कराई एफआईआर
पुलिस पर हमला करने वालों के खिलाफ नहीं की कार्रवाई
खुलेआम मार ड़ालने की धमकी देते सड़क पर मचा हंगामा


पीपुल्स फॉर इथीकल ट्रीटमेंट आफ एनीमल (पेटा) के तीन कार्यकर्ता जिनमें दो महिलाएं और एक पुरुष शामिल था, दोपहर करीब 12 बजे अपने बदन पर हरे कपड़े और सब्जियां लपेटे ताजुल मसाजिद परिसर में स्थित ताज मार्केट पहुंचे। यह पशुओं की रक्षा को लेकर चलाए जा रहे अभियान के तहत बकरा ईद पर कुर्बानी न करने की अपील करने आए थे। इस बाबत इन्होंने अखबारों के जरिये ऐलान भी किया था। पेटा कार्यकर्ता कुछ कह पाते इससे पहले ही प्रदर्शन स्थल पर जमा बड़ी तादाद में मुस्लिम समाज के लोगों ने इन पर पथराव शुरू कर दिया। इससे भगदड़ मच गई, लेकिन पथराव करने वालों ने घेराबंदी कर रखी थी। इसी दौरान पेटा की महिला कार्यकर्ताओं को भीड़ ने घेर लिया और जमकर पीटा। प्रर्दशनकारियों के कपडेÞ फाड़ दिए गए और लात घूंसों से पीटा। इसी दौरान पुलिस भी पहुंच गई और हालात काबू में करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। हंगामा करने वालों ने पुलिस पर भी हमला बोल दिया और खुलेआम आग लगाने और जिन्दा जलाने की धमकी देते रहे।

पेटा महिला कार्यकर्ता के कपडे फाडे और पुलिस को पीटा
कांग्रेसी पार्षद की अगुवाई में हिंसक विरोध
कांग्रेस पार्षद शाहिद अली, अब्दुल नफीस, मोहम्मद फैजान खान की अगुवाई में ताजुल मसाजिद के सामने हुए पेटा विरोधी आंदोलन और नारेबाजी की गई। इस मौके पर बड़ी तादाद में कांग्रेसी कार्यकर्ता भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल थे। हाथों में पर्चे लिए इन लोगों ने पेटा कार्यकर्ताओं को पीटने और पुलिस पर हमला बोलने के बाद यह चेतावनी दी कि वह मजहबी मामलों में दखल न दे, वर्ना अंजाम अच्छा नहीं होगा। इस दौरान पथराव और हमला किया गया, टेबिले फेंकी गइं, गाड़ियों पर पत्थर मारे गए, जिसमें कई पुलिस वाले भी घायल हो गए।


पेटा महिला कार्यकर्ता के कपडे फाडे और पुलिस को पीटापुलिस-प्रशासन ने वक्त रहते नहीं किए इंतजाम
मूक पशुओं की रक्षा के लिए किए गए प्रदर्शन के दौरान हुए हंगामे के बाद से पेटा कार्यकर्ताओं सचिन वनगेरा (09820122561), गरिमा और सुरैया बेनजीर (09820787382) ने अपने मोबाइल फोन स्विच आॅफ करके भूमिगत हो गए। बताया जाता है कि, यह कार्यकर्ता महाराष्ट से भोपाल आए थे और अपने प्रदर्शन के बारे में दो दिन पहले से प्रशासन और मीडिया को सूचना भी दे चुके थे। बावजूद पेटा का प्रदर्शन रोकने की कोशिश नहीं की गई और न ही मौके पर किसी तरह के इंतजाम किए गए। इसके साथ ही मौके पर कांग्रेसी पार्षद की अगुवाई में जमा भीड़ को भी हालात बिगड़ने, पथराव, मारपीट और पुलिस पर हमले के बाद ही तितर बितर किया गया।

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करवाई है पेटा के खिलाफ एफआईआर

धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में पेटा की एक महिला के खिलाफ प्रशासन ने एफआईआर दर्ज कराई है। किसी भी तरह का उन्माद नहीं फैलने दिया जाएगा।
बाबूसिंह जामोद, एडीशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट

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